मुलायम सिंह यादव ने सपा की स्थापना की थी और शिवपाल यादव ने उसे मजबूत किया था। सपा के नये नेता अखिलेश यादव के सम्पर्क में रहते हैं जबकि पुराने नेताओं के लिए मुलायम सिंह यादव आज भी बेहद खास है। मुलायम के इशारे पर वह किसी का साथ दे सकते हैं। शिवपाल यादव के नया मोर्चा में मुलायम सिंह यादव शामिल हो जाते हैं तो सपा की हालत बिगडऩी तय है। यदि ऐसा नहीं होता है तो शिवपाल यादव को नया मोर्चा खड़ा करने के लिए बड़ी मेहनत करनी होगी। अभी तक के हालात की बात की जाये तो गेंद अब अखिलेश यादव के पाले हैं वह मास्टर स्ट्रोक खेल कर चाचा शिवपाल यादव का सारा समीकरण बदल सकते हैं।
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अखिलेश यादव के इस दांव से फुस्स हो जायेगा शिवपाल यादव का नया मोर्चा
सपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यूपी चुनाव में मुलायम सिंह यादव के पारिवारिक विवाद के चलते पार्टी को नुकसान हो चुका है। लोकसभा चुनाव 2019 होने वाला है और फिर से पारिवारिक विवाद बढऩे लगा है। सपा के साथ बसपा सुप्रीमो मायावती व राहुल गांधी की कांग्रेस से गठबंधन होने से कार्यकर्ता बेहद उत्साहित है लेकिन शिवपाल यादव की बगावत से पार्टी को नुकसान होने से कोई इंकार नहीं कर रहा है। इन हालात में मुलायम सिंह यादव को सपा का फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाता है तो शिवपाल यादव का सारा समीकरण फेल हो जायेगा। सपा के नये कार्यकर्ता अखिलेश यादव के साथ है जबकि पुराने लोगों के लिए मुलायम सिंह यादव से बड़ा नेता कोई नहीं है। समय की मांग है कि मुलायम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही नये मार्चो में सपा का साथ छोड़ कर कोई नहीं जाने वाला है। सबसे बड़ी बात है कि मुलायम सिंह यादव के सामने आते ही शिवपाल यादव भी उनका विरोध नहीं कर पायेंगे और नया मोर्चा खत्म हो जायेगा।सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश फौजी का कहना है कि शिवपाल यादव के नये मोर्चा के बारे में कुछ नहीं कहना है हमारे नेता मुलायम सिंह यादव है। नेता जी जिसके भी साथ रहेंगे। हम सभी उसी को समर्थन देंगे। यदि नेता जी नये मोर्चा में चले जाते हैं तो पुराने लोगों को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।
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सपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यूपी चुनाव में मुलायम सिंह यादव के पारिवारिक विवाद के चलते पार्टी को नुकसान हो चुका है। लोकसभा चुनाव 2019 होने वाला है और फिर से पारिवारिक विवाद बढऩे लगा है। सपा के साथ बसपा सुप्रीमो मायावती व राहुल गांधी की कांग्रेस से गठबंधन होने से कार्यकर्ता बेहद उत्साहित है लेकिन शिवपाल यादव की बगावत से पार्टी को नुकसान होने से कोई इंकार नहीं कर रहा है। इन हालात में मुलायम सिंह यादव को सपा का फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाता है तो शिवपाल यादव का सारा समीकरण फेल हो जायेगा। सपा के नये कार्यकर्ता अखिलेश यादव के साथ है जबकि पुराने लोगों के लिए मुलायम सिंह यादव से बड़ा नेता कोई नहीं है। समय की मांग है कि मुलायम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही नये मार्चो में सपा का साथ छोड़ कर कोई नहीं जाने वाला है। सबसे बड़ी बात है कि मुलायम सिंह यादव के सामने आते ही शिवपाल यादव भी उनका विरोध नहीं कर पायेंगे और नया मोर्चा खत्म हो जायेगा।सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश फौजी का कहना है कि शिवपाल यादव के नये मोर्चा के बारे में कुछ नहीं कहना है हमारे नेता मुलायम सिंह यादव है। नेता जी जिसके भी साथ रहेंगे। हम सभी उसी को समर्थन देंगे। यदि नेता जी नये मोर्चा में चले जाते हैं तो पुराने लोगों को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।
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