फूलपुर थाना क्षेत्र के कठीरांव स्थित मदरसा इस्लामिया वारसी के 12 अध्यापकों का डेढ़ साल से वेतन रुका था। मदरसा प्रबंधक हैदर ने बकाये वेतन के लिए लखनऊ से लेकर बनारस तक कार्यालयों का चक्कर काटा था लेकिन वेतन जारी नहीं हो पाया। लखनऊ से जब वेतन देने का आदेश हुआ तो मामला वक्फ बोर्ड पहुंचा तो वह के मुख्य वक्फ निरीक्षक ने वेतन जारी करने के नाम पर 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। मदरसा प्रबंधक हैदर अली ने कहा कि एक तो शिक्षकों को डेढ़ साल से वेतन नहीं मिला है और दूसरी तरफ शिक्षक इतना पैसा कहा से लायेंगे। मुख्य निरीक्षक सुनील कुमार ने कहा कि छह लाख में सभी शिक्षकों का वेतन जारी करा देगा। पहली किश्त ५० हजार की दी जाये। इसके बाद वेतन मिल जाने पर बाकी 5.50 लाख रुपये देने की बात कही। इसके बाद मदरसा प्रबंधक हैदर अली ने एंटी करप्शन में जाकर प्रार्थना पत्र दिया और कार्रवाई की मांग की। एंटी करप्शन के प्रभारी श्रीराम सागर ने प्रार्थना पत्र से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया और जिलाधिकारी कार्यालय से गवाह के रुप में दो कर्मचारी को अपने साथ लिया। मदरसा प्रबंधक को केमिकल लगा हुआ नोट दिया गया और कर्मचारी को देने को कहा गया। मदरसा प्रबंधक ने जब सुनील कुमार को फोन किया तो उसने पैसे देने के लिए पुलिस लाइन बुलाया। यहां पर कार में मदरसा प्रबंधक ने सुनील कुमार को रिश्वत के रुप में दो-दो हजार के 25 नोट दिये। सुनील से जैसे ही नोट अपने हाथ में पकड़ा था कि उसी समय पास मौजूद एंटी करप्शन की टीम ने उसे पकड़ लिया। हाथ धुलवाया गया तो पानी का रंग लाल हो गया। इसके बाद आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर उसे जेल भेज दिया गया।
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