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संसदीय चुनाव 2014 में नरेन्द्र मोदी की लहर में बीजेपी ने यूपी की 73 सीट जीत थी लेकिन उसके बाद 2018 में तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। सीएम योगी आदित्यनाथ , डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या तक अपनी सीट नहीं बचा पाये हैं और कैराना भी बीजेपी के हाथ से निकल चुका है इसलिए कहा जा सकता है कि अब पहले जैसी लहर नहीं है ऐसे में बनारस में 2014में मिले वोटों को देखे तो थोड़ा फेरबदल सभी समीकरणों को ध्वस्त कर सकता है।
नरेन्द्र मोदी-5,81,022
अरविंद केजरीवाल-2,09,238
कांग्रेस के अजय राय-75,614
बसपा के विजय प्रकाश जायसवाल-60,579
सपा के कैलाश चौरसिया-45,291
पीएम मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिला था और वह 3,71,784 वोट से चुनाव जीते थे। उस चुनाव में महागठबंधन के वोटों को जोड़ दिया जाये तो भी पीएम मोदी के बराबर वोट नहीं होंगे। लेकिन अब स्थिति बदल गयी है इसलिए महागठबंधन के वोटों का थोड़ा प्रतिशत भी बड़ा तो कहानी बदल जायेगी।
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पीएम नरेन्द्र मोदी के बनारस के साथ एक अन्य सीट पर चुनाव लडऩे की अटकले लग रही है। बीजेपी जानती है कि पीएम मोदी के खिलाफ महागठबंधन दमदार प्रत्याशी उतारेगी। ऐसे में बीजेपी किसी तरह का रिस्क नहीं लेगी और पीएम मोदी को दो जगह से चुनाव लड़ाया जा सकता है। बीजेपी नेताओं ने पीएम मोदी के दो जगहों से चुनाव लडऩे की बात को खारिज तो किया है लेकिन राजनीति में समय के हिसाब से किसी भी दल की रणनीति भी बदल जाती है।
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