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वाराणसी

अजब-गजबः बनारस में ठगों से ठगी वो भी पुलिस वाला बनकर

वैसे तो काशी के ठग पहले से ही मशहूर हैं। यहां तो ठगों को भी ठगने वाले मिल जाएंगे। ऐसा ही केस सामने आया है जिसके तहत दो करोड़ की ठगी (जालसाजी) में गिरफ्तार ठगों के परिजनों को ठगने का माममला प्रकाश में आया है। इसकी शिकायत पर पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है।

वाराणसीAug 09, 2022 / 01:39 pm

Ajay Chaturvedi

पिछले महीने गिरफ्तार अंतर्प्रांतीय ठग, (फाइल फोटो)

पिछले महीने गिरफ्तार अंतर्प्रांतीय ठग, (फाइल फोटो)

वाराणसी. काशी में बहुत कुछ है जो अजब-गजब है। ठगी विद्या इसका एक उदाहरण है जो सदियों से विख्यात है। लेकिन ताजा मामला कहीं ज्यादा रोचक है। बता दें कि कुछ दिन पहले शहर के चेतगंज थाना क्षेत्र के दो चर्चित ठगो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन ठगों ने रेशम फर्म के मैनेजर अंकित शुक्ला और उसके साले अश्विनी पांडेय को जीएसटी में छूट दिलाने के नाम पर दो करोड़ रुपये का चूना लगाया था। अब उन ठगों के भी सरताज निकले वो जो उन ठगों के घर पहुंच गए और परिवारवालों से सजा कम कराने, केस से नाम हटाने, कुर्की से बचाने जैसे मामलों से मुक्ति के नाम पर मोटी रकम की मांग करने लगे। मामले का पता चलने पर पुलिस इन शातिर ठगों की तलाश में जुट गई है।
जुलाई में ही पकड़े गए थे ये अंतर्प्रांतीय ठग

बता दें कि पिछले दिनों पुलिस कमिश्नरेट ने रेशम फर्म के मैनेजर अंकित शुक्ला और उसके साले अश्विनी पांडेय को जीएसटी में छूट दिलाने के नाम पर दो करोड़ रुपये ठगने वाले चार शातिर ठगों को गिरफ्तार कर लिया था। इसमें अजमेर के सावित्री चौराहा नगीनाबाग का रहने वाला सचिन दत्त शर्मा, हरियाणा हिसार के पकंज भारद्वाज, दिल्ली के करोलबाग के रोहन खिंची और दिल्ली के ही मल्कानगंज सब्जी मंडी के तरुण गौतम हैं। ये चारों वाराणसी की जेल में बंद हैं।
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दिल्लीवासी तरुण के घर पहुंचे ठग, दी धमकी

अब दिल्ली के ही मल्कानगंज सब्जी मंडी के तरुण गौतम के घर पर करीब एक पखवारा पहले कुछ लोग पहुंच गए। वो भी पुलिस अफसर बन कर। उन्होंने बाकायदा खुद को वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट से जुडा बता कर तरुण की मां से बात की। उन्हें बताया कि वो लोग तरुण को जेल से छुड़वा देंगे। साथ ही गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे से भी राहत दिला देंगे। लेकिन इसके लिए उन शातिर दिमाग ठगों ने मोटी रकम की मांग की। साथ ही धमकी दी कि रकम न मिलने से तरुण को वाराणसी से बंगलूरू जेल ट्रांसफर करा दिया है। हालांकि इसका पता परिवार वालों ने लगाया तो पता चला कि तरुण अभी वाराणसी की ही जेल में है।
“तरुण जिला कारागार में ही है। हालांकि वो फिलहाल रिमांड पर दिल्ली पुलिस की कस्टडी में है। दिल्ली में दर्ज मुकदमे में वहां की पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिल्ली ले गई है।”-वीरेंद्र त्रिवेदी, जिला जेल के जेलर

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