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वाराणसी

बनारस की ट्रैफिक समस्याः क्यों न लगे ये जाम, जारी परिमिट का दो गुना चल रहे आटो रिक्शा

बनारस की ट्रैफिक समस्या अरसे से चली आ रही है। तमाम कवायद की गईं, कई उपाय निकाले गए लेकिन समस्या जस की तस हीं बल्कि दिन-ब-दिन बढ़ती ही गई। आलम ये है कि अक्सर ऐसा होता है कि सौ-दो सौ मीटर की दूरी तय करने के लिए घंटा भर लग जाता है। यहां पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। इसमें आटो रिक्शा और ई-रिक्शा की बहुतायत कही ज्यादा जिम्मेदार है। आलम ये कि जितना परमिट नहीं उसका दोगुना तो आटो चल रहे हैं।

वाराणसीMay 20, 2022 / 02:35 pm

Ajay Chaturvedi

बनारस शहर की याातयात व्यवस्था को ध्वस्त करते ऑटो व ई-रिक्शा

बनारस शहर की याातयात व्यवस्था को ध्वस्त करते ऑटो व ई-रिक्शा

वाराणसी. शहर का ट्रैफिक सिस्टम अरसे से ध्वस्त है। ऐसा नहीं कि सुगम यातायात के लिए उपाय नहीं किए गए, पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उल्टे जैसे-जैसे उपाय किए गए ट्रैफिक समस्या और गहराती चली गई। इसमें ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा मानों जले पर नमक। आलम ये है कि इस शहर में आरटीओ से जितने ऑटो के परमिट जारी हैं उसके दो गुना से भी ज्यादा ऑटो रिक्शा शहर भर में चक्कर काट रहे है। ई-रिक्शा वालों का तो पूछना ही नहीं, जहां इन्हें प्रतिबंधित किया गया है वहां भी ये सरपट दौड़ रहे हैं।
बनारस में तीन साल से नहीं बन रहा नए ऑटो का परमिट

बनारस में ऑटो रिक्शा के लिए पिछले तीन साल से एक भी नया परमिट जारी नहीं किया गया है। यूं कहें कि नया परमिट जारी करने पर रोक लगी है। बावजूद इसके शहर में दिनों दिन ऑटो रिक्शा की तादाद बढ़ती ही जा रही है। आरटीओ ऑफिस की मानें तो शहर के लिए 48 सौ ऑटो रिक्शा का परमिट जारी है। लेकिन शहर की सड़कों पर इसके दो गुना ऑटो रिक्शा दौड़ रहे हैं।
पड़ोसी जिलों के परमिट पर भी चल रहे ऑटो रिक्शा

बताया जा रहा है कि बनारस शहर के लिए तीन साल से नया परमिट जारी करने पर रोक है। ऐसे में पड़ोसी जिलों के परमिट पर ही यहां ऑटो रिक्शा दौड़ाए जा रहे हैं। खास तौर से चंदौली जिले के परमिट पर।
शहर के हर प्रमुख चौराहे पर है ऑटो रिक्शा का कब्जा

शहर का कोई महत्वपूर्ण चौराहा नहीं जहां ऑटो रिक्शा का कब्जा न हो। चौराहों पर भी बेतरतीबी से खड़े ऑटो रिक्शा आासानी से देखे जा सकते हैं, जो शहर के ट्रैफिक सिस्टम को ध्वस करते हैं।
ई-रिक्शा का तो पूछना ही क्या

ई-रिक्शा का तो पूछना ही क्या। जहां-तहां ई-रिक्शा को सवारी ढोते देखा जा सकता है। वैसे मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा चलाने की इजाजत नहीं है पर मानता कौन है। जहां-तहां दौड़ने वाल ई-रिक्शा का कोई रजिस्ट्रेशन तक नहीं है।

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