Smog in Varanasi: परेशान बनारसवासियों ने मांगा स्वच्छ वायु का अधिकार
प्रमुख मांगें-Smog in Varanasi: शहर के शैक्षणिक परिसर को “नो पेट्रोल-डीज़ल जोन” बनाया जाए- पल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) में हो रहे हैं भ्रष्टाचार पर कड़ाई से कार्रवाई की जाए -सभी सार्वजनिक एवं निजी वाहनों से होने वाले प्रदूषण की नियमित जांच एवं कार्यवाही की जाए – निगम द्वारा ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन किया जायं एवं शहरी कॉलोनीयों में कम्पोस्टिंग पिट की व्यवस्था की जाए
वाराणसी. smog in Varanasi: वायु प्रदूषण को लेकर पूरे उत्तर भारत में संवेदनशील लोग परेशान हैं। हर किसी के जेहन में एक सवाल है। वायु प्रदूषण के नियत्रण के लिए संघर्ष करने वाली संस्थाएं चिंतित हैं। उधर सर्वोच्च न्यायालय लगातार केंद्र व राज्य सरकार को सख्त निर्देश दे रहा है। लेकिन सरकारों के स्तर से कार्रवाई की गति अत्यंत धीमी है या अगर ये कहें कि ये न के बराबर है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। यहां तक कि पर्यवारण नियंत्रण बोर्ड भी महज समय-समय पर कुछ डराने वाले आंकड़े पेश कर अपने दायित्व की इतिश्री मान ले रहा है।
क्लाइमेट एजेंडा की मुख्य कार्यकर्ता एकता शेखर ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि हम लोग वर्षों से इन मांग कर रहे हैं स्वच्छ वायु के लिए ठोस कदम उठाने की। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चाहे वह वाराणसी का कार्यालय हो या लखनऊ का प्रदेशीय कार्यालय लगातार ज्ञापन दिए जा रहे हैं। लेकिन कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा। हालत यह है कि देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण पर तो देश भर में शोर मचने लगता है पर बनारस सहित यूपी के कई जिले हैं जहां की आबो हवा खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। ऐसे में सोमवार को पुनः क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और लखनऊ के प्रांतीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ज्ञापन सौंपा गया।
IMAGE CREDIT: patrika बता दें कि सोमवार को बनारस में सुबह से ही धुंध छाई रही। इस मुद्दे पर जब पत्रिका ने एकता शेखर से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि ठंड का असर शुरू हो गया है। हवाएं भी ठंडी हैं ऐसे में नीचे के पर्टिकुलेट मैटर अब ज्यादा ऊपर जा कर बिखरने वाले तो हैं नहीं। ऐसे में जो कुछ भी प्रदूषित कण वायुमंडल के निचले सतह पर ही रहेंगे। बताया कि ये सोमवार को शहर में जो भी दिखा उसे धुंध ही कहा जाएगा।
उन्होंने बताया कि क्लाइमेट एजेंडा ने बढ़ते वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए यूथ फ़ॉर सस्टेनिबिलिटी नेटवर्क के युवा प्रतिनिधियों के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन के माध्यम से प्रतिनिधियों ने स्वच्छ वायु के अधिकार और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यनीति को शीघ्र लागू करने की मांग की।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी से वार्ता के दौरान वाराणसी में चल रहे विकास के कार्यों को सतत समाधान के साथ करने की बात कही और यह भी मांग की कि जलवायु परिवर्तन एवं प्रदूषण की समस्या का एकमात्र समाधान सतत विकास का मॉडल ही हो सकता है।
IMAGE CREDIT: patrikaयूथ फ़ॉर सस्टेनिबिलिटी नेटवर्क की प्रमुख मांगें 1- शहर में निरंतर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन की संख्या बढाई जाए 2- निरंतर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन से प्राप्त आंकड़ो एवं स्वास्थ्य सलाह को डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से शहर के सभी प्रमुख चौराहों, पार्को, पर्यटन स्थल पर नियमित जारी किया जाए 3- सभी प्रदूषित औद्योगिक ईकाईयों में वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन एवं आंकड़े प्रदर्शित करने के लिए डिस्प्ले बोर्ड को लगाना अनिवार्य किया जाए 4- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यनीति के अंतर्गत उत्तरदायी नोडल अधिकारी का सम्पर्क विस्तार वेबसाइट पर अपलोड किया जाए 5- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यनीति के अंतर्गत शहर आधारित योजना में किए जा रहे कार्यों पर आधारित मासिक रिपोर्ट नियमित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए 6- सभी सार्वजनिक एवं निजी वाहनों से होने वाले प्रदूषण की नियमित जांच एवं कार्यवाही की जाए 7- सभी परम्परागत fixed-chimney bull’s trench kiln (FCBTK) आधारित ईंट भट्ठों को बंद कर विध्वंस किया जाए एवं जिग जैग तकनीकी का उपयोग अनिवार्य किया जाए 8- निर्माण एवं विध्वंस 2016 अधिनियम के पर्यावरण मानको को सरकारी एवं गैर सरकारी निर्माण कार्यों में कड़ाई से पालन कराया जाए 9- आम जनता को शहरी यातायात में साईकिल एवं पैदल चलने के लिए सड़को पर वॉकिंग-साइकिल ट्रैक का निर्माण कराया जाए 10- शहर में सभी विद्युत चलित सार्वजनिक यातायात के वाहनों को शीघ्र लाया जाए एवं सोलर आधारित चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था की जाए 11- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यनीति के लक्ष्य को पूरा करने में शामिल सभी विभागों एवं कर्मचारीयों के मध्य सामंजस्य एवं क्षमता निर्माण की समय-समय पर व्यवस्था की जाए 12- नगर निगम द्वारा ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन किया जायं एवं शहरी कॉलोनीयों में कम्पोस्टिंग पिट की व्यवस्था की जाए 13- 15 साल पुराने सभी डीजल चालित वाहनों को चिन्हित कर शहर के बाहर विध्वंस किया जाए 14- पल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) में हो रहे हैं भ्रष्टाचार पर कड़ाई से कार्रवाई की जाए 15- शहर के शैक्षणिक परिसर को “नो पेट्रोल-डीज़ल जोन” बनाया जाए
ज्ञापन सौंपने वालों में ये रहे शामिलप्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ज्ञापन सौंपने वालों में यूथ फ़ॉर सस्टेनेबिलिटी की ओर से रेनू सिंह, सुनील कुमार धुरिया, श्वेता, पूनम, ओम प्रकाश, बृजेश पटेल, और आशुतोष मुख्य रूप से शामिल रहे।
IMAGE CREDIT: patrika
Home / Varanasi / Smog in Varanasi: परेशान बनारसवासियों ने मांगा स्वच्छ वायु का अधिकार