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वाराणसी

PM नरेंद्र मोदी का क्षेत्र बनारस बनेगा फल-सब्जी के निर्यात का हब

-PM नरेंद्र मोदी का क्षेत्र की सब्जियां व फल काशी ब्रांड व बनारस ब्रांड बनेंगे, विश्व बाजार में उतारें जाएंगे-बनारस और इसके आसपास के क्षेत्र में फल सब्जी की बहुतायत उत्पादकता है-फ़ल सब्जी का निर्यात किसानों की आय दोगुनी करने व 5 ट्रिलियन इकोनामी करने में सहायक होगा

वाराणसीAug 22, 2019 / 05:45 pm

Ajay Chaturvedi

फलमंडी फाइल फोटो

फलमंडी फाइल फोटो

वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी फल व सब्जी निर्यात का केंद्र बनेगा। काशी और बनारस ब्रांड बना कर विश्व बाजार में उतारे जाएंगे। इन सब का उद्देश्य फ़ल सब्जी का निर्यात किसानों की आय दोगुना करना है। यह 5 ट्रिलियन इकोनामी करने में सहायक होगा। यह कहना है वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पवन कुमार बरठाकुर का। वह बनारस के कमिश्नरी सभागार में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। बैठक के दौरान बनारस को फल सब्जी के निर्यात का हब बनाए जाने आदि के संबंध में पावर प्ले के माध्यम से कार्य योजना प्रस्तुत किया गया।
गोष्ठी में बनारस को फ़ल व सब्जी के निर्यात का हब बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई। बताया गया कि बनारस, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, चंदौली, संत कबीर नगर में विदेशों में पसंदीदा सब्जियां व फल बहुतायत में उत्पादित होती हैं। वर्तमान में वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश से 277.98 करोड़ रुपए का फल व सब्जी निर्यात हुआ। इसे और बढ़ाना है। बनारस क्षेत्र में निर्यात की अपार संभावनाएं हैं।
बताया गया कि फल सब्जी के निर्यात के लिए प्राथमिक तौर पर प्लान तैयार किया गया है। इसमें गुणवत्तायुक्त फल सब्जी उत्पादन के लिए किसानों को जागरूक एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा। यूरोपीय देशों, खाड़ी देशों, सिंगापुर आदि के मानक के अनुरूप लिमिटेड पेस्टिसाइड का ही उत्पादन होगा। हर जिले में एक पैक हाउस होगा, जिसमें ग्रैंडिंग, सौर्टिंग, पैकेजिंग, टेस्टिंग आदि होकर निर्यात के लिए तीन माध्यमों एयरपोर्ट, रेलवे व वाटर-वे के माध्यम से बाहर भेजी जाएगी। प्रारंभिक तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एपीडा ने 2 फेज की कार्य योजना भी बनाई है। बैठक में इस बात पर जोर रहा कि निर्यात विकसित देशों में करने की प्राथमिकता रहेगी, ताकि अच्छी कीमत प्राप्त हो सके। विश्व बाजार में बनारस के उत्पादों की डिमांड बढ़ाने के लिए “काशी ब्रांड” व “बनारस ब्रांड” के नामों की ब्रांडिंग होगी।
फल सब्जी निर्यात संबंधी बैठक
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि बनारस में चार-पांच वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ा है। निर्यात में इसका लाभ मिलेगा। निर्यात संबंधी वस्तुएं अलग-अलग उपलब्ध है। इसे मजबूती से लिंक करना होगा। कमिश्नर ने कहा कि किसान की आय दोगुनी करने व देश की इकोनामी 5 ट्रिलियन करने की दिशा में फल सब्जी का निर्यात अहम भूमिका निभाएगा। डीएम सुरेंद्र सिंह ने कहा कि बनारस के क्षेत्र सब्जी व फल के लिए बहुत फर्टाइल है। हवाई अड्डा के पास एग्रो प्रोसेसिंग पार्क व हवाईअड्डा 250 एकड़ में एक्सटेंशन यहां के निर्यात को बढ़ावा देगा।
लगभग 4 घंटे चली बैठक में केशव चंद्रा आईएएस नई दिल्ली, निदेशक मंडी समिति उत्तर प्रदेश, आईसीएआर नई दिल्ली, ईरी, भारती सब्जी अनुसंधान केंद्र वाराणसी, स्पाइसजेट, रेलवे, उद्यान विभाग, नाबार्ड सहित मुंबई, बिहार व आसपास से आए निर्यातकों, सब्जी फल उत्पादक किसानों आदि ने निर्यात हेतु कार्य करने, उनके सुझाव व आपसी तालमेल पर अपने विचार व्यक्त किए। चेयरमैन पवन कुमार बरठाकुर ने सब्जी के शब्दों को परिभाषित करते हुए स-सम्मान व विश्वास की जिम्मेदारी के साथ सभी सरकारी विभाग, अनुसंधान केंद्र, निर्यातक, किसान, एक्सपोर्ट माध्यम संस्थान आपस में तालमेल कर वाराणसी से फल सब्जी निर्यात को कार्य रूप देने के कार्यवाही करें। बनारस का निर्यात देश के लिए अनुकरणीय उदाहरण के रूप में पेश हो।
बैठक के बादउच्चाधिकारियों ने पहाड़िया मंडी, अंतर्देशीय जलमार्ग बंदरगाह रामनगर, पेरिशेबल कार्गो सेंटर राजातालाब, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान शहंशाहपुर एवं नजदीकी शाक-भाजी प्रक्षेत्र, एयरपोर्ट व कार्गो फैसिलिटी सेंटर बाबतपुर का स्थानीय भ्रमण भी किया।
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