scriptजानिए कौन हैं चंद्रशेखर आजाद, जिसने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने का किया है ऐलान | Bhim army chief Chandrashekhar became Dalit face in Loksabha election | Patrika News

जानिए कौन हैं चंद्रशेखर आजाद, जिसने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने का किया है ऐलान

locationवाराणसीPublished: Mar 15, 2019 11:05:12 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

चंद्रशेखर की अगुवाई में 25 युवा भीम आर्मी संभालते हैं ।

Chnadrashekhar azad

चंद्रशेखर आजाद

वाराणसी. पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर एक बार फिर सुर्खियों में हैं । दलित चेहरे के रूप में यूपी की सियासत में उभरे इस नेता ने बसपा सुप्रीमो मायावती की भी नींद उड़ा दी है । इनके बढ़ते कद का इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस में बड़ी जिम्मेवारी मिलने के बाद प्रियंका गांधी खुद उससे मिलने पहुंची थी ।

कौन हैं चंद्रशेखर
चंद्रशेखर का जन्म सहारनपुर में छटमलपुर के पास घडकौली गांव में हुआ था । चंद्रशेखर ने जिले के एक स्थानीय कॉलेज से कानून की पढ़ाई की । 2017 में वह जाति संघर्ष के बाद चर्चा में आये । हिंसा के आरोपों के बाद चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया गया और वह 15 महीने तक जेल में रहे । जेल से बाहर आने के बाद चंद्रशेखर ने दलितों के मुद्दे को लेकर जोरदार आंदोलन किया । चंद्रशेखर ने अपने गांव घडकौली के सामने ‘द ग्रेट चमार’ का बोर्ड लगाया था। जिसकी खूब चर्चा हुई थी। उनके इस अनोखे अंदाज का विरोध भी हुआ, लेकिन युवाओं व दलितों के बीच भीम आर्मी को लेकर भरोसा जागा और चंद्रशेखर की देखते ही देखते लोकप्रियता बढ़ गई। चंद्रशेखर उस समय भी सुर्खियों में आए थे जब साल 2017 में सहारनपुर में दलितों और ठाकुरों के बीच जातीय हिंसा हुई थी। हिंसा का मुख्य आरोपी चंद्रशेखर को माना गया था और उनके खिलाफ कई केस दर्ज हुए थे। इस मामले में उनके खिलाफ प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया था और जेल में बंद कर दिया था।
क्या है भीम आर्मी
भीम आर्मी एक बहुजन संगठन है, जिसे भारत एकता मिशन भी कहा जाता है । भीम आर्मी के मूल संस्थापक छुटमलपुर निवासी एक दलित चिंतक सतीश कुमार हैं । सितंबर साल 2016 में सहारपुर के छुटमलपुर में स्थित एएचपी इंटर कॉलेज में दलित छात्रों की कथित पिटाई के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के बाद पहली बार यह संगठन सुर्खियों में आया था.। सतीश कुमार को जब चंद्रशेखर मिले, तो उन्होंने इसका उत्साह देकर उसे ‘भीम आर्मी’ का अध्यक्ष बना दिया.। चंद्रशेखर की अगुवाई में 25 युवा भीम आर्मी संभालते हैं ।
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