ऐसे में मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने खोला मोर्चा। छात्रों का समूह भवदीय संस्कृत विज्ञान धर्म विद्या संकाय के अखिल भारतीय विद्यार्थी के ईकाई अध्यक्ष सौरभ द्विवेदी के नेतृत्व में पहुंच गए छात्र सलाहकार डा. रामाकांत पांडेय, संकाय प्रमुख प्रो. चंद्रमा पांडेय और प्रो चंद्रमौलि उपाध्याय के पास। छात्रों के समूह ने गुरुओं से अपनी पीड़ा बताई और उनके समक्ष अपनी मांग रखी। उन्हें बताया कि छात्रों से छात्रावास का शुल्क तो वसूला जाता है, छात्रावास के लिए सर्विस चार्ज लिया जाता है। लेकिन खाना नसीब नहीं होता। यही नहीं संकाय के 90 फीसदी छात्रों को तो छात्रावास की सुविधा तक मयस्सर नहीं है। मजबूरी में उन्हें परिसर के बाहर कमरा ले कर रहना पड़ रहा है। इससे मेधावी छात्रों को अध्ययन में असुविधा हो रही है। छात्रों ने छह सूत्री मांग पत्र सौंपा
छात्रों की मांग
1- संकाय के 90 फीसदी से अधिक छात्रों को रहनें के लिए छात्रावास सुविधा उपलब्ध नहीं है। ये छात्र 5000 रुपये प्रतिमाह देकर बाहर रह रहें हैं जिसके कारण अत्यंत गरीब एवं मेधावी छात्र अध्ययन करनें में असमर्थ हो रहा है शीघ्रातिशीघ्र संकाय हेतू नए छात्रावास का निर्माण सुनिश्चित करें।
2-छात्रावास में लगभग 6 महिनों से मेस बंद है। परीक्षा के समय इसको सुचारु रूप से चलवाना सुनिश्चित कराए। 3-संकाय के पुस्तकालय में परीक्षा के समय शास्त्री, आचार्य के छात्रों को बैठनें की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।
4-संकाय में सभी कक्षाओं का सुचारु रूप से चलवाना सुनिश्चित कराएं। 5-संकाय में सर्वत्र गंदगी व्याप्त है , वाटर कूलर भी गंदगी के कारण बेकार पड़ें हैं। सर्वत्र सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।
6-मेस में 150 रुपये प्रतिमाह की दर से 1500 रूपये सर्विस चार्ज के रूप में जमा कराया गया है लेकिन अधिकतम दो महिनें ही मेस चला, जितनें दिन मेस नहीं चला है उतनें समय का सर्विस चार्ज वापस करवाना सुनिश्चित कराएं।
प्रतिनिधिमंडल में ये थे शामिल
संकाय प्रमुख और छात्र सलाहकार से मिलने वालों में प्रो. विनय पांडेय एवं अधोक्षज पांडेय, हर्ष त्रिपाठी, देवेश मिश्र, सत्येन्द्र मिश्र, आशीष मिश्र, आकाश मिश्र, सोनू पाठक, वैभव तिवारी, सत्यम आदि प्रमुख थे।