बता दें कि बीएचयू के छात्र 11 सूत्री मांग को लेकर सात दिन से भूख हड़ताल पर हैं। इसमें एक छात्रा शामिल है। भूख हड़ताल पर बैठने वाले छात्र छात्रहित की ही मांग कर रहे हैं। ये पढाई के लिए लाइब्रेरी की बेहतर सुविधा चाहते हैं। ये छात्रावासों में मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा चाहते हैं। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन है कि इनकी एक नहीं सुन रहा। ये विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ नीरज त्रिपाठी को ज्ञापन तक सौंप चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। लिहाजा वो लगातार भूख हड़ताल पर हैं।
सातवें दिन एक छात्र रंजन की तबीयत बिगड़ गई। उसे सर सुंदरलाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। इसके बाद भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों के समर्थकों का गुस्सा भड़क गया। वो कुलपति विरोधी नारे लगाने लगे। कुछ ही देर में उन्होंने कुलपति का प्रतीकात्मक पुतला बनाया और उसे आग के हवाले कर दिया। हालांकि इसी बीच विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी भी मौके पर पहुंच गए और उनसे पुतला छीनने का प्रयास किया। इस दौरान दोनों पक्षों में हल्की नोकझोंक भी हुई।
भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की मुख्य मांगें हैं 1. सभी स्टूडेंट्स को हॉस्टल मुहैया कराया जाय और जबतक होस्टल नहीं मिल जाता तब तक उन्हें डेलीगेसी भत्ता दिया जाय।
2. लाइब्रेरी को 24 घंटे खोला जाय, नई व जरूरी पुस्तके तत्काल मँगाई जाय, व साइबर लाइब्रेरी में सीटों की संख्या बढ़ाकर 1000 की जाय।
3. महिला छात्रावासों से कर्फ्यू टाईमिंग खत्म की जाय व छात्राओं की सुरक्षा के लिये GSCASH (Gender sensitization committee against sexual harassment) लागू किया जाए।
4. विश्वविद्यालय के सभी विभागों व संकाय में महिला शौचालय बनवाया जाय।
5. कैम्पस में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई जाए।
6. विकलांग छात्र – छात्राओं के लिए EOC (Equal opportunity cell) का गठन किया जाय। जो उनके अकादमिक व अन्य जरूरत की चीजों को मुहैया करायेगा।
7. छात्र संघ, कर्मचारी संघ व शिक्षक संघ बहाल करो।
8. सभी महिला छात्रावासों में कैंटीन की व्यवस्था की जाय। और कैंपस में 24×7 कैंटीन की व्यवस्था की जाय।
9. सभी हॉस्टल के मेस व कैंटीनों को सब्सिडीयुक्त कर सस्ता किया जाय।
10. नवीन हॉस्टल में एक रूम में 2 से अधिक छात्राओं का आवंटन बंद किया जाय।
11. महिला छात्रावासों में non academic staff को ही वार्डन सहित अन्य पदों पे नियुक्त किया जाय।
भूख हड़ताल पर बैठऩे वालों में आकांशा, विश्वनाथ, शशिकांत, रंजन, आशुतोष प्रमुख हैं।