‘नीलकंठ’ की स्टोरी के सिलसिले में वाराणसी आए दिलीप शुक्ला ने पत्रिका से खास बातचीत में अपनी फिल्म के साथ-साथ आगामी प्रोजेक्ट के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि फिलहाल उनका पूरा ध्यान यूपी पर केन्द्रित है और वो यहां की प्रतिभाओं को उभारना व उन्हें आगे ले जाना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश को लेकर वह एक-दो और कॉमर्शयिल फिल्में प्लान कर रहे हैं, जिसमें कलाकार से लेकर कहानी तक सब यूपी से होगा। इसके अलावा उनका अयोध्या से एक बड़े बजट का टीवी शो ‘वाह-वाह रामजी’ भी जल्द ही शुरू हो जाएगा।
नया ट्रेंड सेट करेगी ‘नीलकंठ’
‘नीलकंठ’ के बारे में उन्होंने बताया कि यह नायक के इर्द-गिर्द घूमती एक बेहतरीन फिल्म होगी। नीलकंठ शिव का रूप है और हमारी फिल्म के नायक का नाम और शीर्षक भी है। इसलिये बनारस में ही इस कहानी पर काम किया गया है। इसका बैकग्राउंड बनारस है और बोलचाल व भाषा सब यहीं की है। काॅमर्शियल फिल्म होने के बावजूद यह एक नया ट्रेंड सेट करेगी। पूर्वांचल में अपराध के ग्लैमर का जो ट्रेेड है हमारा नायक भी उसी से आता है। हम इसे केवल लोकप्रिय ही नहीं बल्कि यादगार बनाने में जुटे हुए हैं।
पारिवारिक शो होगा ‘वाह-वाह राम जी’
अयोध्या से बड़े बजट का एक भव्य टीवी शो ‘वाह वाह रामजी’ लेकर आ रहे हैं, जिसका थीम है ‘आ रहे हैं राम आपके घर’। इसमेे राम कथा के साथ आज के समाज और समाज की स्थिति और उसकी पीड़ा को जोड़कर चलेंगे। इसमें शास्त्रीय संगीत, राम के अलग अलग भषाओं में वर्णन, अलग-अलग भाषाओं में रामलीलाएं और संबंधों को भी जगह दी जाएगी।
वेब सिरीज में सिर्फ पैसा बनाने की होड़
वेब सीरीज को लेकर उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफाॅर्म आने के बाद अपराध और अश्लीलता का तड़का परोसा जाने लगा है। इस प्लेटफाॅर्म से संजीदा प्रयास किये जा सकते हैं, लेकिन अभी इसके जरिये पैसा बनाने की होड़ लगी हुई है। कोई रोकटोक न होने के चलते इसपर पैसा बनाने के ममसद से मनमर्जी कंटेंट परोसे गए। नैतिकता और जिम्मेदारी को दरकिनार कर दिया गया। ऐसे कलाकार और लोग भी इसमें हाशिये पर धकेल दिये गए जो कुछ अच्छा करना चाहते हैं। अपना कंटेंट बेचने के लिये शहरों और जगह का नाम लेकर उसकी छवि खराब करने का जैसे ट्रेंड चल पड़ा है।
फिल्म सिटी के साथ-साथ फिल्मी कल्चर जरूरी
उन्होंने कहा कि गलत हो रहा है, सिर्फ यह कहने से काम नहीं चलेगा, बल्कि हमें सही करने वालों के साथ खड़ा होना पड़ेगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश में नई फिल्म सिटी बनाए जाने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इसे हकीकत बनते देखना सुखद होगा। साथ ही यह भी जोड़ा कि बॉलीवुड क्रिएट करने के लिये सिर्फ फिल्म सिटी बना देना काफी नहीं। इसके लिये राज्य में फिल्म का माहौल, फिल्मी कल्चर भी लाना होगा। लेखन की कार्यशालाएं लगें, फिल्म राइटिंग को प्रमोट करें, उनकी मदद की जाए, एक्सपर्ट को लाकर लोगों को ट्रेन्ड किया जाए। फिल्म से जुड़ी दूसरी विधाओं के बारे में भी प्रशिक्षण बेहद जरूरी है। अभिनय को लेकर भी काम करना पड़ेगा। कंटेेट पर ज्यादा ध्यान रखना होगा। युवा इसमें आगे आना चाहते हैं और उनमें प्रतिभा भी है, जरूरत है इसे निखारने की। उन्होंने कहा कि वह खुद भी इसके लिये प्रयास करेंगे।