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बसपा सुप्रीमो ने बयान देकर दलित वोटरों को दूर की बात बनायी है। इतिहास को माने तो हिन्दू धर्म में जाति को लेकर भेदभाव के चलते ही बाबा साहब अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया था। समय के साथ व्यवस्था में परिवर्तन हो चुका है, लेकिन मायावती ने अपने बयान के जरिए बताया कि देश व यूपी में बीजेपी की वापसी से वही समय लौट आया है। मायावती के इशारों को समझे तो यूपी में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद बीजेपी ने एक महंत को यूपी का सीएम बनाया है। इसस साफ है कि बीजेपी के राज में बाबा साहब अम्बेडकर के समय चलने वाले महंत युग की वापसी हो सकती है और दलित लोगों को बौद्ध बनने के लिए तैयार रहना चााहिए।
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बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने लगातार बीजेपी को दलित विरोधी साबित करने का प्रयास किया है। रोहित वेमूला, सहारनपुर जातीय हिंसा, जेएनयू प्रकरण, दयाशंकर सिंह का बयान आदि ऐसे कई मौके थे जिस पर बसपा सुप्रीमो ने दलित विरोधी या दलित बेटी विरोधी बता कर भगवा पार्टी पर हमला का मौका नहीं छोड़ा था। इसी क्रम में आजमगढ़ में मायावती ने बयान देकर बीजेपी पर हत्या करने की साजिश रचने का तक आरोप लगा दिया है और बौद्ध धर्म का बयान देकर अपने समाज को बताया है कि बीजेपी का साथ नहीं छोड़ा तो धर्म बदलना पड़ सकता है।
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