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बसपा लगातार कांग्रेस व सपा पर दबाव बनाने में जुटी है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने यहां तक कह दिया है कि एक-दो सीट के चलते वह बसपा से गठबंधन तोडऩे वाले नहीं है। यूपी में बसपा व सपा की दो मुख्य विरोधी दल है। राहुल गांधी भी बसपा को साथ लेकर चलना चाहते हैं। माना जा रहा है कि बसपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बसप जानती है कि यूपी में सबसे अधिक सीट लेने के लिए समय का इंतजार करना होगा। अभी की जो स्थिति है उसमे बसपा ही सबसे ताकतवर होकर उभर रही है यदि महागठबंधन में बसपा को सबसे अधिक सीट नहीं मिली तो वह अलग भी हो सकती है। महागठबंधन यदि लोकसभा चुनाव जीत जाता है तो वह नेता पीएम बन सकता है जिसके पास यूपी में सबसे अधिक सीट होगी। इन परिस्थितियों में मायावती नहीं चाहती है कि यूपी की कमी सीटों पर वह चुनाव लड़े।
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