वाराणसी के सलेमपुरा, जलालउद्दीनपुरा, मदनपुरा और धानीपुरा में इन ऊंटों की कुर्बानी दी जायेगी। ऊंटों की कुर्बानी की यह परंपरा 106 साल पुरानी है और 1912 में इसकी शुरूआत की गई थी। मिली जानकारी के मुताबिक सलेमपुरा इलाके में 23 और 24 अगस्त को ऊंटों की कुर्बानी दी जायेगी, वहीं मदनपुरा और जलालउद्दीनपुरा में बकरीद के अगले दिन कुर्बानी होगी। धानीपुरा में बकरीद के दो दिन बाद कुर्बानी दी जायेगी। सलेमपुरा इलाके में कुर्बानी देने वाले ग्राउंड में हर साल करीब 600 से 700 लोग जमा होते हैं, वहीं मदनपुरा के पचपेदवा ग्राउंड में करीब दो हजार लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। लोगों की भीड़ को लेकर जिला प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा है।
बता दें कि इस परंपरा के विरोध में काफी लंबे समय से आवाज उठती रही है। इस साल भी अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में अपर जिला मजिस्ट्रेट को वध पर रोक लगाने को लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया है।