कोआर्डिनेटर मिश्र ने बताया कि परीक्षार्थी केवल पारदर्शी जेमेट्री बॉक्स में स्केल, पेन व पेंसिल व एडमिट कार्ड लेकर आएं। आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। क्या न ले जाएं
किसी तरह का सादा या लिखा हुआ पेपर, कोई भी इलेक्ट्रानिक उपकरण प्रतिबंधित है।
परीक्षार्थी पूरी बांह की शर्ट न पहनें।
कक्ष निरीक्षक के दिशा निर्देशों का पालन करें, उनसे उलझने से बचें। ये है टाइमिंग
परीक्षार्थियों को सुबह 9.45 से 10.00 बजे तक परीक्षा केंद्र में प्रवेश मिलेगा
सुबह 10.00 बजे उत्तर पुस्तिका मिलेगी जिसे प्रवेश पत्र के आधार पर भरा जाएगा
सुबह 10.15 बजे पेपर मिलेगा पढ़ने के लिए
सुबह 10.30 से परीक्षार्थी प्रश्न पत्र हल करना शुरू करेंगे।
2-सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल, कमच्छा
3-केंद्रीय विद्यालय-1 बीएचयू
4-केंद्रीय विद्यालय 39 जीटीसी कैंट
5-केंद्रीय विद्यालय डीएलडब्ल्यू
6-संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल
7-सनबीम इंग्लिश स्कूल लंका
8-लिटिल फ्लावर हाउस, ककरमत्ता
9- तुलसी विद्या निकेतन, नगवां लंका
10 ग्लेनहिल स्कूल, मंडुवाडीह
11- हरमन जेमिनर स्कूल, चौबेपुर
12- गुरुनानक इंग्लिश स्कूल, शिवपुर
13-उदय प्रताप पब्लिक स्कूल
14- डॉ अमृत लाल इशरत मेमोरियल सनबीम (डालिम्स स्कूल), रोहनिया
15- इंटरनेशनल हिंदू स्कूल, नगवां लंका
16-सनबीम स्कूल लहरतारा
17-एसएस पब्लिक स्कूल, बाबतपुर
18 सनबीम एकेडमी, सामनेगाट
19- सनबीम स्कूल वरुणा
20-दयावती मोदी एकेडमी, रामनगर
21- दिल्ली पब्लिक स्कूल, बिसोखर
22- हैप्पी होम इंग्लिश स्कूल, खजुरी
23- स्वामी हरसेवा नंद पब्लिक स्कूल, गढ़वाघाट
24- जीवनदीप पब्लिक स्कूल, लमही
25- द आर्यन इंटरनेशनल स्कूल, अखरी
26-ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल, बड़ा लालपुर
27- दिल्ली पब्लिक स्कूल काशी, काजी सराय
28- बीएनएस इंग्लिश स्कूल, नरिया
29- एशियन पब्लिक स्कूल, अहरौली, आयर
कोआर्डिनेटर वीके मिश्र ने बताया कि परीक्षाओं के साथ-साथ सीबीएसई ने उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन भी खाका तैयार कर लिया है। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन के लिए न केंद्र पहले से निर्धारित होते हैं न समय। बताया कि हर पेपर के बाद मार्किंग स्कीम बनाई जाती है, जिसके तहत तिथि निर्धारित होती है। इसमें पांच से 10 दिन लगते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि 21 मार्च से मूल्यांकन शुरू हो जाएगा,ताकि 20 मई से पहले जारी किया जा सके। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन के लिए विषवार केंद्र निर्धारित होते हैं वह भी पूर्व निर्धारित नहीं होता। जिस विद्यालय का मुख्य परीक्षक होगा उसे ही चीफ नोडल सुपरवाइजर बना दिया जाएगा और उसके आस-पास के स्कूलों को ही मूल्यांकन केंद्र बना दिया जाता है। बस इतना ध्यना रखा जाता है कि स्कूल की ख्याति अच्छी हो, विद्यालय में परीक्षकों के बैठने की समुचित व्यवस्था हो। अन्य संसाधन भी उपलब्ध हों। ऐसे में यह मान कर चला जा रहा है कि जिले में 30-35 मूल्यांकन केंद्र हो सकते हैं।
यूपी बोर्ड की तरह सीबीएसई में नहीं होता कोई संकलन केंद्र। सीबीएसई में परीक्षा खत्म होते ही उसी दिन केंद्रों को पोस्ट आफिस से उत्तरपुस्तिकाएं क्षेत्रीय कार्यालय भेजनी होती है। क्षेत्रीय कार्यालय या मुख्यालय उत्तरपुस्किाओं की डी-कोडिंग करता है। मूल्यांकन के लिए मुख्यालय विषयवार अलग-अलग विद्यालयों को कापी भेजना है। सीबीएसई इसकी सूचना मुख्य परीक्षक को मेल के माध्यम से देता है। एक मुख्य परीक्षक के निर्देशन में दस परीक्षक मूल्यांकन का कार्य करते हैं। खास बात यह है कि एक केंद्र पर सभी विषयों की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं होता है। इसके लिए अलग-अलग केंद्र बनाए जाते हैं। मूल्यांकन के साथ-साथ अंकों की फीडिंग ऑनलाइन की जाती है।