विशालाक्षी देवी का मंदिर मीरघाट क्षेत्र स्थित धर्मकूप इलाके में अवस्थित है। मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। लिहाजा बुधवार को भोर से मां के इस स्वरूप के दर्शन-पूजन को भक्तों का सैलाब जुट गया। लोग कतारबद्ध हो कर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे। संकरी गली में मंदिर होने के कारण लोगों को असुविधा तो हो रही थी मगर आस्था सिर चढ़ कर बोल रही थी। रह-रह कर मां के जयकारे से पूरा वातावरण गूंज जा रहा था। लोगों ने देवी को प्रिय नारियल, गुड़हल की माला, प्रसाद आदि भेंट कर अपनी मनोकामना की पूर्ति की कामना की।
उधर शक्ति के उपासकों ने पांचवे दिन मां स्कंदमाता का दर्शन-पूजन किया। वाराणसी में स्कंदमाता बागीश्वरी देवी के रूप में विद्यमान है। यहां मां स्कंदमाता का बागीश्वरी रूपी भव्य मंदिर मंदिर अति प्राचीन है। रात्री से ही यहां मां के दर्शनों के लिए भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ती है। मां स्कंदमाता रूपी बागीश्वरी को विद्या की देवी माना जाता है। ऐसे में यहां छात्र भक्तो की खासी भीड़ रहती है। यहां मां को नारियल चडाने का विशेष महत्व है। मां को चुनरी के साथ लाल अड़हुल की माला व मिष्ठान का भी भोग लगाया जाता है।
वाराणसी का स्कंद माता बागेश्वरी रूपी दुर्गा मंदिर सैकड़ो वर्षो से भक्तो की आस्था का केंद्र रही हैं। चैत्र नवरात्र में इनके दर्शन का विशेष महत्व है। इसी समय भक्त मां के दर्शन-पूजन करते है और मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी जी उनकी मनोकामना पूर्ण करती है। कोई अपने लिए विद्या मांगता है तो कोई नौकरी मांगत है। नवरात्र के दिनों में भक्त मां के दर्शन करते है और और उनसे अपनी मान की इक्षा जाहिर करते है और माँ भी अपने भक्तो की कामना पूर्ण करती है। -बागेश्वरी मिश्रा. पुजारी