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वाराणसी

जो काम मायावती के एक दौरे में होता था वह सीएम योगी के 29 दौरों में नहीं हो पाया, इस रिपोर्ट ने दिखाया आईना

पीएम नरेन्द्र मोदी की सच साबित हो रही आशंका, कमजोर हो रही अफसरशाही पर पकड़

वाराणसीSep 03, 2018 / 01:58 pm

Devesh Singh

CM Yogi Adityanath and Mayawati

CM Yogi Adityanath and Mayawati

वाराणसी. बसपा सुप्रीमो मायावती की हनक आज भी लोगों को याद है। प्रदेश का सीएम रहते हुए मायावती कही भी जाती थी तो अधिकारियों की नीद उड़ जाती थी। गड़बड़ी मिलने पर मौके पर ही कार्रवाई होती थी। प्रदेश की कमान अब सीएम योगी आदित्यनाथ के पास है। सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ 29 बार बनारस का दौरा कर चुके हैं लेकिन उनकी हनक नहीं दिखायी पड़ी। रात्रि भ्रमण के दौरान सीएम का काफिला गड्ढे में हिचकोले खाता रहा था लेकिन अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं थी। इससे साफ हो जाता है कि जो काम बसपा सुप्रीमो के एक दौरे में हो जाता था वह सीएम योगी के 29 दौरों में भी नहीं हो पाया।
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यूपी सरकार बनते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया था। सराकर बने एक साल से अधिक का समय हो चुका है लेकिन सड़कों की स्थिति नहीं सुधारी। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र को वीवीआईपी माना जाता है वहां की स्थिति भी बेहाल है। सीएम योगी ने दो दिवसीय बनारस दौरा खत्म किया है और आगमन के दौरान एक बार फिर विकास कार्य की पोल खुल चुकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के आगमन की जानकारी सभी अधिकारियों को थी। यह भी पता था कि शहर का हाल जानने के लिए रात्रि भ्रमण भी करेंगे। इसके बाद भी अधिकारियों ने पहले से तैयारी नहीं की थी। गड्ढो के चलते सीएम योगी का काफिला जब हिचकोले लेने लगा तो उन्हें भी बनारस का विकास दिखा होगा। सीएम योगी ने व्यवस्था पर नाराजगी भी जतायी लेकिन जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं की। सीएम योगी के निरीक्षण की जानकारी के बाद भी जिस तरह से मंत्री, विधायक व अफसरों ने उदासीनता बरती थी उससे साफ हो गया था कि उनके उपर मुख्यमंत्री का खौफ नहीं था। बनारस के विकास के लिए केन्द्र सरकार ने तिजोरी का मुंह खोल किया है इसके बाद भी विकास के नाम पर बंदरबाट हो रही है।
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PM Narendra Modi
IMAGE CREDIT: Patrika
अधिकारियों की नियुक्ति में ही खेल, बीजेपी नेताओं को नहीं बतायी जा रही सच्चाई
जिले में अधिकारियों की निुय्क्ति में जमकर खेल हो रहा है। कुछ मंत्री व विधायक अधिकारियों पर अपना दबाव बनाये हुए हैं। जिले में विकास कार्य को लेकर मनमानी हो रही है और लखनऊ में बैठे बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को सच्चाई का पता नहीं चल रहा है। आश्र्चय की बात है कि आईपीडीएस, सीवर, पेयजल, सड़क, क्राइम कंट्रोल को लेकर जो गड़बड़ी सामने आती है उसकी सारी जानकारी उपर नहीं भेजी जाती था इसके चलते दिल्ली व लखनऊ में बैठे नेताओं को लगता है कि पीएम के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विकास हो रहा है जबकि यह सच्चाई नहीं है।
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इस रिपोर्ट ने दिखाया सभी को आईना
सूर्या फाउंडेशन की रिपोर्ट ने ही केन्द्र सरकार को सबसे पहले आईना दिखाया था। पीएम नरेन्द्र मोदी ने कुछ माह पूर्व बनारस का दौरा किया था और पीएम ने रिपोर्ट की सच्चाई जानने के लिए खुद शहर का रात्रि भ्रमण किया था। सूत्रों की माने तो पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल को तोड़ कर शहर की सही स्थिति को देखी थी उसके बाद से पीएम मोदी विकास के नाम पर चल रहे खेल को समझ गये थे। जनवरी में प्रवासी सम्मेलन को देखते हुए पीएम मोदी को तैयारियों की खुद ही मानीटरिंग करनी पड़ रही है जिससे समय से सारे काम हो जाये। सीएम योगी भी समझ गये हैं कि उन्हें विकास की सही जानकारी नहीं दी जा रही है अब देखना है कि सीएम योगी का दौरा क्या रंग लाता है।
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