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जिले में अधिकारियों की निुय्क्ति में जमकर खेल हो रहा है। कुछ मंत्री व विधायक अधिकारियों पर अपना दबाव बनाये हुए हैं। जिले में विकास कार्य को लेकर मनमानी हो रही है और लखनऊ में बैठे बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को सच्चाई का पता नहीं चल रहा है। आश्र्चय की बात है कि आईपीडीएस, सीवर, पेयजल, सड़क, क्राइम कंट्रोल को लेकर जो गड़बड़ी सामने आती है उसकी सारी जानकारी उपर नहीं भेजी जाती था इसके चलते दिल्ली व लखनऊ में बैठे नेताओं को लगता है कि पीएम के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विकास हो रहा है जबकि यह सच्चाई नहीं है।
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सूर्या फाउंडेशन की रिपोर्ट ने ही केन्द्र सरकार को सबसे पहले आईना दिखाया था। पीएम नरेन्द्र मोदी ने कुछ माह पूर्व बनारस का दौरा किया था और पीएम ने रिपोर्ट की सच्चाई जानने के लिए खुद शहर का रात्रि भ्रमण किया था। सूत्रों की माने तो पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल को तोड़ कर शहर की सही स्थिति को देखी थी उसके बाद से पीएम मोदी विकास के नाम पर चल रहे खेल को समझ गये थे। जनवरी में प्रवासी सम्मेलन को देखते हुए पीएम मोदी को तैयारियों की खुद ही मानीटरिंग करनी पड़ रही है जिससे समय से सारे काम हो जाये। सीएम योगी भी समझ गये हैं कि उन्हें विकास की सही जानकारी नहीं दी जा रही है अब देखना है कि सीएम योगी का दौरा क्या रंग लाता है।
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