माचागोरा बांध का पानी 621 मीटर के करीब पहुंच गया है। इससे डूब प्रभावित गांवों में शेष रह गए 90 परिवारों को हटाने का सिरदर्द फिर बढ़ गया है।
छिंदवाड़ा. पेंच डायवर्सन परियोजना के अधीन माचागोरा बांध का पानी 621 मीटर के करीब पहुंच गया है। इससे डूब प्रभावित गांवों में शेष रह गए 90 परिवारों को हटाने का सिरदर्द फिर बढ़ गया है। ये परिवार जल संसाधन विभाग के लगातार प्रयास के बावजूद भी अभी तक पुनर्वास स्थल शिफ्ट नहीं हो पाए हैं। इसके साथ ही धनौरा से हिवरखेड़ी मार्ग की वैकल्पिक सड़क भी नहीं बनाने दी जा रही है।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक लगातार बारिश से पेंच नदी में पानी का बहाव तेज होने से माचागोरा बांध में पानी का स्तर 620.36 मीटर यानि 178 लाइव एमसीएम पहुंच गया है। इससे डूब प्रभावित बस्तियों के नजदीक बांध का पानी बढऩे लगा है। पिछले साल 2016 में पहली बार डैम के भरे जाने की स्थिति में भूला, बारहबरियारी समेत अन्य गांवों के लोगों को 9 पुनर्वास स्थलों में पहुंचाया जा चुका है। फिर भी यहां 90 एेसे परिवार है जो हटने के लिए तैयार नहीं है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि डैम को इस साल 625.75 मीटर तक भरा जाना है। जैसे ही डैम का पानी कुछ और बढ़ेगा, तब इन परिवारों को त्वरित रूप से वहां से हर हाल में हटाना होगा। इसके लिए उनसे बातचीत की जा रही है।
सड़क निर्माण में फेंके पत्थर, लौटाए कर्मचारी
धनौरा से हिवरखेड़ी के बीच 1.6 किमी मार्ग की वैकल्पिक सड़क बनाने के लिए जलसंसाधन विभाग के ठेकेदार और उनके निर्माण कर्मचारी मशीन लेकर पहुंचे तो कुछ ग्रामीणों ने उन पर पत्थर फेंके और सड़क का निर्माण नहीं करने दिया। इससे यह दल लौट आया। इसके लिए विभाग प्रशासन की मदद मांगेगा। अधिकारियों के मुताबिक इस सड़क के बीच बांध का पानी आ गया है। वैकल्पिक मार्ग बन जाने से इस क्षेत्र के गांवों का संपर्क बना रहेगा लेकिन स्थानीय ग्रामीणजन आवागमन में बाधक बने हुए हैं।
जमुनिया में अवैध उत्खनन, गिराए चार पोल
जमुनिया पुनर्वास केन्द्र के खाली पड़े प्लॉट में अवैध उत्खनन हो रहा है। इसके चलते यहां लगाए गए चार पोल गिर गए। इसकी सूचना विभागीय अधिकारियों ने तहसीलदार और खनिज विभाग को दी। उनका कहना है कि यहां के लोग अवैध उत्खनन कर मुरम बेच रहे हैं। इससे पोल लगातार गिर रहे हैं।
इनका कहना है…
माचागोरा बांध का पानी में वृद्धि से हम डूब प्रभावित गांव में शेष रह गए लोगों को जल्द ही शिफ्ट कराएंगे। इसके साथ ही वैकल्पिक मार्ग निर्माण में बाधा और जमुनिया में अवैध उत्खनन का मामला सामने आया है। इसके लिए प्रशासन से सहयोग मांगा जा रहा है।
-पीके शर्मा, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग।