बांसगांव लोकसभा सीट पर नामांकन करने वाले कांग्रेस प्रत्याशी कुश सौरभ समेत इस सीट से सात के पर्चे खारिज हो गए। यहां से 11 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। वहीं गोरखपुर संसदीय सीट से दाखिल हुए नामांकन पत्रों की जांच में 31 में से हिन्दुस्तान निर्माण दल के सुनील सिंह और पीस पार्टी के अरुण कुमार श्रीवास्तव समेत 21 प्रत्याशियों के पर्चे खारिज हो गए। वहीं बांसगांव संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कुश सौरभ समेत सात नामांकन पत्र निरस्त हो गए। अब गोरखपुर से 10 और बांसगांव सीट से सिर्फ चार प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में हैं।
जानिए कौन है कुश सौरभ
मूलत: देवरिया के बरहज तहसील के पैना गांव के रहने वाले कुश सौरभ पासवान गोरखपुर में ही 2016 से 2018 तक बिजलेंस में एसपी रह चुके हैं। पिछले वर्ष दिसम्बर महीने में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। कुश की पत्नी चन्द्रप्रभा सौरभ बड़हलगंज क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य हैं। उनकी भाभी बिन्दु सौरभ भी दक्षिणांचल में क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। कुश की ननिहाल बड़हलगंज क्षेत्र के हरैया पटना में है। प्रान्तीय पुलिस सेवा में उनका सलेक्शन वर्ष 1986 में हुआ था। 2009 में उन्हें आईपीएस कैडर मिल गया। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। उनके पिता स्व.मंगलदेव विशारद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश महासचिव रहे हैं।
मूलत: देवरिया के बरहज तहसील के पैना गांव के रहने वाले कुश सौरभ पासवान गोरखपुर में ही 2016 से 2018 तक बिजलेंस में एसपी रह चुके हैं। पिछले वर्ष दिसम्बर महीने में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। कुश की पत्नी चन्द्रप्रभा सौरभ बड़हलगंज क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य हैं। उनकी भाभी बिन्दु सौरभ भी दक्षिणांचल में क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। कुश की ननिहाल बड़हलगंज क्षेत्र के हरैया पटना में है। प्रान्तीय पुलिस सेवा में उनका सलेक्शन वर्ष 1986 में हुआ था। 2009 में उन्हें आईपीएस कैडर मिल गया। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। उनके पिता स्व.मंगलदेव विशारद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश महासचिव रहे हैं।