अजय राय ने फोन पर पत्रिका से बातचीत में शीर्ष नेतृत्व को उन पर भरोसा जताने के लिये धन्यवाद दिया। सवालों का जवाब देते हुए प्रत्याशी घोषित करने में देरी पर कहा कि सही समय पर फैसला लिया गया है। पूरे पांच साल तक हम लोगों ने जनता के बीच काम किया है। जनता पांच साल में इस सरकार की हकीकत जान चुकी है। लोगों का मुझपर विश्वास है और वो मेरे साथ खड़े हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति पर कहा कि पार्टी मजबूती से लड़ रही है और वाराणसी समेत पूरे यूपी में मजबूत होकर उभरेगी। प्रियंका गांधी के वाराणसी आने की चर्चा पर कहा कि उनके लिये लोकल युनिट ने प्रस्ताव बनाकर भेजा था। क्या लोकल युनिट ने शीर्ष नेतृत्व को कोई फीडबैक दिया था कि प्रियंका गांधी के बनारस से न लड़ने का फीडबैक दिया ? इसके जवाब में उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि लोकल युनिट ने ही प्रस्ताव बनाकर भेजा था।
2014 में भी अजय राय थे प्रत्याशी बता दें कि 2014 की मोदी लहर में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस से अजय राय मैदन में थे। नरेन्द्र मोदी ने 5,81022 वोट पाकर अरविंद केजरीवाल को 3,71,784 वोटों से हराया। दूसरे नंबर पर रहे केजरीवाल को 2,09,023, जबकि तीसरे स्थान पर रहे अजय राय को 75,614 वोट मिले थे। सपा-बसपा जमानत भी नहीं बचा सके थे।
सपा के टिकट पर हैं शालिनी यादव इस बार यूपी में साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे सपा-बसपा गठबंधन के तहत सपा ने यहां से कांग्रेस छोड़कर आयी शालिनी यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। शलिनी के बाद अजय राय के भी आने से अब बनारस में मुकाबला त्रिकोणीय होना तय हो गया है। बता दें कि पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद पहले ही मैदान छोड़ चुके हैं, जबकि खराब खाने की शिकायत करने के चलते बीएसएफ से बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव भी मैदान में हैं।