अपने पत्ते खोलने के बाद से बीजेपी और आरएसएस के लोग लगातार यह प्रचारित करने में जुट गए हैं कि कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा। उन्होंने नाम तक खोल दिया है और यहां तक बताने में जुट गए हैं कि कांग्रेस हाईकमान अपने संभावित प्रत्याशी से संपर्क किया था, संभावित प्रत्याशी ने एक सप्ताह की मोहलत मांगी है, कहा है कि विचार विमर्श करके बताएंगे। इतना ही नहीं उनके कुटुंब के बारे में तरह-तरह की बातें उड़ाई जाने लगी हैं सोशल मीडिया पर। ऐसे में जब पत्रिका ने सोशल मीडिया पर भाजपा और आरएसएस के द्वारा चलाए जा दावों के बाबत पूछा तो उन संभावित उम्मीदवार (बकौल भाजपा/आरएसएस) का जवाब था कि, मैं तो निहायत साधारण आदमी हूं, मैं क्या मुकाबला कर पाऊंगा प्रधानमंत्री से। लेकिन भाजपा और आरएसएस के लोग क्यों परेशान हैं। वह भी मुझ जैसे साधारण आदमी से। ये तो उन लोगो ने अचानक से मेरा कद बढ़ा दिया है। ये बात मुझे नहीं समझ आ रही है। उन्हें किस बात का डर है।
ये भी पढ़ें- …तो बनारस से कोई लोकल ही होगा BJP उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ साझा प्रत्याशी, जानें कौन… संभावित प्रत्याशी ने यहां तक कहा कि मुझे तो नहीं पता पर इतना जरूर कहूंगा कि भाजपा और आरएसएस के लोगों का कांग्रेस हाईकमान के संपर्क में होना भाजपा-आरएसएस नेतृत्व के लिए चिंता की बात जरूर है। उन्होंने कहा कि यह बड़ा मजेदार है कि भाजपा ने तो चुनाव अधिसूचना जारी होते ही सारे पत्ते खोल दिए हैं, वहीं कांग्रेस और सपा ने अभी तक चुप्पी साध रखी है, लगता है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में पसरा सन्नाटा भी नियोजित है। ये बड़ी चाल हो सकती है ताकि चुनाव आते आते विपक्षी को थका दिया जाए। उन्हें साइकोलॉजिकल ट्रॉमा में पहुंचा दिया जाए।
ये भी पढ़ें- जानिये बनारस में नरेंद्र मोदी के खिलाफ सपा किसे बनाएगी उम्मीदवार यहां बता दें कि भाजपा और आरएसएस के लोग सोशल मीडिया पर जिसे कांग्रेस का संभावित उम्मीदवार बताया जा रहा है, उनका नाम सबसे पहले पत्रिका ने ही चलाया था। तब पत्रिका ने उन्हें साझा विपक्ष का उम्मीदवार बताया था। हालांकि उसके बाद से गंगा में काफी पानी बह गया। सपा-बसपा गठबंधन से कांग्रेस अलग हो चुकी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का भी गठबंधन नहीं हो रहा है। जैसा इन सारे दलों द्वारा बताया जा रहा है। ऐसे में साझा उम्मीदवारी की बात पर फिलहाल तो विराम ही लगा है। लेकिन कांग्रेस खेमे से यह बात जरूर बताई जा रही है कि अगर बनारस से प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़तीं तो वह उम्मीदवार ही कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते हैं जिनके बारे में भाजपा और आरएसएस के लोग सोशल मीडिया पर दावा कर उनके कुनबे का पोस्टमार्टम करने लगे हैं। वह और कोई नहीं सकट मोचन मंदिर के महंत और आईआईटी बीएचयू के इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रो विश्वंभर नाथ मिश्र है।
ये भी पढ़ें- प्रियंका गांधी अब राम लला के दर्शन को जाएंगी अयोध्या कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक यह सही है कि प्रो मिश्र के नाम पर पार्टी गंभीरता से विचार कर रही है। साथ ही सपा के साथ भी अंदर-अंदर बात चल रही है। जैसे ही सपा-बसपा गठबंधन इस नाम पर राजी हो जाते हैं वैसे ही प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी के अयोध्या दौरे से लौटने के बाद नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रत्याशी का चयन हो जाएगा। हालांकि प्रो मिश्र का कहना है कि कांग्रेस के पास डॉ राजेश मिश्र और अजय राय जैसे प्रत्याशी हैं, उनमें काफी दमखम है।