राष्ट्रीय बेरोजगार रजिस्टर (NRU) अभियान के बारे में बताया गया कि यूथ कांग्रेस यंग इंडिया के बोल 2020 नाम से राष्ट्रीय स्तर पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित कर रही है। इस आयोजन का उद्देश्य देश के ऊर्जावान, सक्षम व युवा वक्ताओं को राष्ट्रीय फलक पर अवसर प्रदान करना है। इसके माध्यम से वो अपनी अभिव्यक्ति से की नई पीढ़ी को सहभागी लोकतंत्र के मार्ग पर चलने को प्रेरित कर सकें।
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विपिन मिश्रा, शमसाद, पूर्व मंत्री अजय राय, यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विश्वनाथ कुंवर ने मीडिया को बताया कि भाषण प्रतियोगिता के जरिए भारतीय यूथ कांग्रेस देश भर में भाषण के जरिए अपना विचार प्रस्तुत करेंगे। चयनित अभ्यर्थियों को यूथ कांग्रेस की आवाज बननेका अवसर प्रदान किया जाएगा।
कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी के आलोक में भारतीय यूथ कांग्रेस ने राष्ट्रीय बेरोजगारी रजिस्टर नाम से राष्ट्रव्यापी मुहिम 23 जनवरी से शुरू की है। इस रजिस्टर की मांग का उद्देश्य है भारत में बेतहाशा बढ़ रही बेरोजगारी के खिलाफ एक मंच तैयार करना है। युवाओं का पंजीकरण कराना है। उन्हें सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराना है। एक ऐसा मंच जहां से देश के बेरोजगार युवा मुख्यधारा में आकर भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त, गरिमामय जीवन के अधिकार के साथ सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें।
ऐसे में 23 जनवरी से प्रारंभ इस अभियान में प्रत्येक बेरोजगार युवा को एक टॉल फ्री नंबर 8151994411 पर मिस्ड कॉल के जरिए राष्ट्रीय बेरोजगार रजिस्टर नाम अभियान से जोड़ा जाएगा। अभियान से जुड़ने वालों की संख्या निरंतर व सतत रूप से प्रसारित की जाएगी। इस रजिस्टर के माध्यम से पार्टी उन भारतवासियों की वास्तविक संख्या ज्ञात कर पाएगी जो मौजूदा सरकार की अक्षमता व असंगत नीतियों के कारण बेरोजगार बने रहने को अभिशप्त हैं।
कहा कि आज प्रत्येक चौथआ स्नातक रोजगार पाने में असमर्थ है। शहरी भारत में बेरोजगारी की दर 9 प्रतिशत तक पहुंच गई है। ग्रामीण भारत में यह बेरोजगारी दर 6.8 फीसद यानी कुल मिला कर 17.5 प्रतिशद हो गई है बेरोजगारी दर। इसमें महिलाएं भी शामिल है। ये आंकड़े सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) जैसी संस्था के हैं।
सीएमआईई के आंकड़े बताते हैं कि मौजूदा समय में देश में व्याप्त बेरोजगारी की विस्फोटक स्थिति है। साथ ही ये आंकड़े नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा तोड़-मरोड़ कर, बढा-चढा कर प्रस्तुत किए गए संवृद्धि एवं विकास की अवधारणा की पोल खोल रहे हैं। बताया कि 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1 फीसद थी जो 2019 के अंत में बढ़ कर 7.5 फीसद तक पहुंच गई। आज देश में बेरोजगारों की तादाद 3 करोड़ से अधिक हो चुकी है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर देश भीषण आर्थिक स्थिति का सामना कर रहा है। वर्तमान सरकार रवास्तविकता से मीलों दूर मुगालते में है। यह सरकार न सिर्फ खुद के प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार सृजन के वादे को पूरा करने में पूर्णतया असफल रही है बल्कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा निरंतर सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉम सेंटर फॉर सस्टनेबल एम्प्लॉयमेंट व नेशनल स्टेटिकल ऑफिस जैसे विश्वसनीय संस्थाओं के प्रतिवेदन को अस्वीकार व खारिज ककर दिया जाता है।
वर्तमान सरकार की अक्षमता व असमर्थता के विरुद्ध बेरोजगार छात्र-छात्राएं काम न मिलने पर मजबूर मजदूर अभिशप्त किसानों को अखिल भारतीय स्तर पर जगह-जगह धरना-प्रदर्शन करने पर विवश किया जा रहा है।