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वाराणसी

महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर तालाबंदी पर भड़के कांग्रेसी

बनारस में कांग्रेस ने बापू की प्रतिमा के सामने किया जबरदस्त प्रदर्शन।

वाराणसीJun 29, 2018 / 07:59 pm

Ajay Chaturvedi

कांग्रेस का प्रदर्शन

कांग्रेस का प्रदर्शन

वाराणसी. नई दिल्ली के राजघाट स्थित महात्मा गांधी के समाधी स्थल पर तालाबंदी पर बनारस के कांग्रेसी भड़क गए। वे घरों से निकले और पहुंच गए रोहनिया स्थित बापू की प्रतिमा के पास और जमकर किया प्रदर्शन। उन्होंने इसे केंद्र सरकार का देश विरोधी कृत्य करार दिया।
कांग्रेस जनों ने कहा कि राजधानी दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गांधी की वह समाधि है जहां दुनिया के हजारों लोग हर दिन प्रणाम कर प्रेरणा लेने आते हैं। यह किसी सरकार का दिया पद्म पुरस्कार नहीं है यह लोकमानस मे प्रतिष्ठित वह पवित्र प्रतिमा है जिसकी तरफ बढ़ने वाला हर अपवित्र हाथ जल जाता हैं। ऐसे स्थल पर भी अब केंद्र सरकार ताला लगाने लगी है। यह कार्य गत 24, 25 जून को मनमाने तरीके से किया गया। वह भी सिर्फ इसलिए कि उसके ठीक सामने गांधी स्मृति व दर्शन समिति के परिसर मे विश्व हिंदू परिषद की बैठक चल रही थी।

इस मौके पर जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने कहा कि पहले महात्मा गांधी की हत्या की और अब उनके समाधि स्थल को ही बंद कर दिया। बापू समाधि स्थल पर ताला बंद करना यह अपने आप मे भाजपा के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। एक तरफ विदेशों में पीएम मोदी घूम-घूम कर महात्मा गांधी की प्रतिमा का गोड छूते नहीं अघाते और वहीं देश की सीमा मे प्रवेश करते ही गांधी जी की बेकदरी पर उतर आते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जिन्हे विश्व पूजता है उन्हे अपने ही देश मे भाजपा और उसके आनुषंगिक संगठनो द्वारा कलंकित किया जा रहा है। गांधी को जलील करने का ये कोई मौका नहीं छोडते। उनकी समाधी पर डांस करके भी जब इनका मन नहीं भरा तो अब ये सीधे सीधे समाधि स्थल को ही सील कर दे रहे हैं। हम कांग्रेसजन इस कृत्य की घोर निंदा करते हुऐ ईश्वर से इन भाजपाइयों की सद्बुद्धि हेतु प्रार्थना करते हैं तथा सरकार से इस शर्मनाक करतूत की न्यायिक जांच की मांग करते हैं और दोषी जिम्मैवारो के खिलाफ कडी से कडी कारर्वाई की मांग करते हैं।
पूर्व विधायक अजय राय ने दो टूक शब्दों मे कहा कि संघ और संघी मानसिकता न कभी देश हित मे काम आयी न धर्म के वास्तविक संरक्षण मे। कहाँ महात्मा गांधी जैसी वैश्विक शख्सियत और कहां उनकी शख्सियत के समक्ष बौनी सी विश्व हिंदू परिषद। कहीं कोई तुलना ही नहीं। ये स्वयंभू हिंदू रक्षक जहाँ वाकई हिंदू अथवा सनातन धर्म की रक्षा की जरूरत है वहाँ चुप्पी साध लेते हैं। एंटायर पोलिटकल वाली जमात को इतनी छोटी सी बात नहीं समझ आई कि विचारों का कत्ल नहीं किया जा सकता। शर्मिंदगी और खीज मिटाने के लिए कभी कांग्रेस मुक्त भारत करने लगते है तो कभी गांधी समाधि स्थल पर ताला जडने लगते हैं। सीधे शब्दों मे कहा जाय तो इन भगवाईयो को न सनातन धर्म से मतलब है और न महात्मा गांधी के सुझाए सर्वधर्म समभाव और वसुधैवकुटुंबकम मे विश्वास। जो भगवान की प्रार्थना करते एक हिंदू धर्म निष्ठ बुजुर्ग की हत्या कर सकते हैं वो हिंदू अथवा सनातनी तो हर्गिज नहीं हो सकते। बापू के समाधि स्थल पर ताला जड़ कर ऐसा घिनौना काम किया जिससे देश ही नहीं पूरे विश्व का सिर शर्म से झुक गया है।
इस मौके पर अनेक वक्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा स्वाधीनता संग्राम का नाम आते ही संघ और भाजपा के पेशानियों पर न जाने क्यूं बल पड जाते हैं। आजादी से जुडे महापुरुषों को अपमानित और एक सूत्री मिशन के तहत उनके चरित्र हनन पर उतर जाते है। सबका हिसाब लेते हैं मगर अपनी मक्कारी मुखबीरी और माफीनामे पर रहस्यमयी खामोशी की चादर ओढ़ लेते है। भाजपा के लोगो को यह बताना चाहिए कि आजादी के दौर से उन्हें इतनी नफरत क्यों है। साथ ही इसे भी स्पष्ट करना चाहिए कि आजादी से पूर्व गोडसे के पास अंग्रेजों पर चलाने के लिए एक चिक्का भी नहीं था और आजादी मिलते हाथ में पिस्टल भी आ गई और जान लेने की हिम्मत भी आ गई।
गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन में दुर्गा प्रसाद गुप्ता, देवेंद्र सिंह, राकेशचंद्र, रामश्रृंगार पटेल, अशोक सिंह, अभय तिवारी, राघवेंद्र चौबे, भगवतीधर दूबे, श्रीराम केसरी, गोपाल पटेल, रामाश्रय पटेल, अभिषेक, रमजान अली, संजय यादव, गुप्तेश्वर गुप्ता, मंगलेश सिंह, रामधनी मौर्या एवं अश्विनी कुमार आदि उपस्थित थे।

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