लाशों से उठ रही दुर्गंध संक्रामक रोग के खतरे से गंगा किनारे के गांव के लाेग परेशान हैं। लाशें मिलने के बाद गाजीपुर पुलिस ने गंगा किनारे घाटों पर अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी है। लोग इस बात से भी डरे हुए हैं कि ये शव कोरोना से मरे हुए लोगों के हैं।
एक किलोमीटर में 100 से अधिक शव
स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो गहमर के नरवा गंगा घाट, सोझवा गंगा घाट और बुलाकी दास बाबा की मठिया घाट के पास करीब एक किलोमीटर के दायरे मे 100 से अधिक शव पानी में तैरते हुए मिले हैं। ज्यादातर दो से चार दिन पुराने हैं। इसके चलते वहां से उठ रही तेज दुर्गंध से स्थानीय ग्रामीणों का रहना मुश्किल हो गया है।
साजिश या लापरवाही
इलाके में दुर्गंध फैलने के बाद लोगों ने इसकी सूचना प्रशाासन को दी। इसके बाद गाजीपुर के जिलाधिकारी एमपी सिंह ने पूरे मामले पर जांच बैठा दी है। पर ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी संख्या में शव गगंगा किनारे आए कैसे। ये किसी की साजिश है या लापरवाही। गंगा में तैरती लाशें कोरोना काल की सबसे भयावाह तस्वीरें हैं।
बक्सर प्रशासन का दावा, यूपी की हैं लाशें
उधर बिहार के बक्सर जिले में गंगा घाट पर पानी में तैरती हुई दर्जनों लाशें मिलने के बाद बक्सर प्रशासन ने दावा किया कि लाशें यूपी से बहकर आई हैं। चौसा के बीडीओ अशोक कुमार ने बताया कि 40 से 45 लाशें पाई गईं, जो बहकर महदेवा घाट पर इकट्ठा हो गई हैं। दावा किया कि यहां नदी में लाशें प्रवाहित करने पर रोक है। घाट पर नियुक्त चौकीदार की निगरानी में यहां शवों को जलाया जा रहा है। उधर एसडीएम सदर केके उपाध्याय का भी यही कहना है कि यूपी में लोगों में लाशें प्रवाहित करने की परंपरा हैं। हालांकि, बक्सर सहित आसपास के जिलो में कोरोना संक्रमण चरम पर है। रोज 100 से 200 शव आ रहे हैं। लेकिन लकड़ी की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग लाशें गंगा में फेंक जाते हैं।