scriptमां अन्नपूर्णेश्वरी दरबार में बही सुर गंगा की धारा, हरियाली श्रृंगार की एक झलक पाने को उमड़ा जन सैलाब | Devotees crowd in Maa Annapurna Hariyali Shringar at varanasi | Patrika News
वाराणसी

मां अन्नपूर्णेश्वरी दरबार में बही सुर गंगा की धारा, हरियाली श्रृंगार की एक झलक पाने को उमड़ा जन सैलाब

देश भक्ति गीत से गूंजा मां अन्नपूर्णेश्वरी का दरबार

वाराणसीAug 16, 2019 / 03:58 pm

sarveshwari Mishra

Annapurna temple Shringar

Annapurna temple Shringar

वाराणसी. रेडजोन स्थित मां अन्नपूर्णा मठ मन्दिर में सावन मास के पूर्णिमा तिथि पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मां के भव्य हरियाली श्रृंगार को लेकर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी रक्षाबंधन के पर्व पर मां का भव्य हरियाली श्रृंगार किया गया। मन्दिर परिसर को अशोक कामनी के पत्तों, गुलाब की माला, गेंदे की माला व मां के गर्भ गृह को फलों और विद्युत झलरों से सजाया गया था।

भोर में मां को पंचामृत स्नान कराकर नूतन वस्त्र धारण कराया गया। तरह- तरह के फूलो से मां का भव्य श्रृंगार व भव्य आरती की गई। इस भव्य झांकी को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। संध्या काल में मां का भव्य श्रृंगार गुलाब, टेंगरि, गेंदे के मालाओं से किया गया। मां की भव्य आरती रामेश्वपुरी द्वारा कि गई।
Annapurna temple Shringar
विख्यात भजन कलाकारों ने लगाई हाजरी
मां भगवती के दरबार मे शाम होते ही सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें जिसमें भजन सम्राट भरत शर्मा व्यास सहित प्रदेश आये गायकों ने एक से बढ़ कर एक भजनों से मां का गुणगान किया गया। मानों जैसे की भजनों की प्रस्तुति से पूरा मन्दिर प्रागण भक्तिमय हो गया था।

भोजपुरी सम्राट भरत शर्मा व्यास ने नीमीया के डार मईया…बड़ा भीड़ होला धन तेरस के बिहनवा की झुमी झुमी ना…काशी मे अन्नपूर्णा माई के गजबे भईल सिंगार…सहित कजरी पूर्वी पचरा सुनाकर भोजपूरी की मिठास घोल दी । एक ओर सुमधुर देवी गीत तो दूसरी ओर सुहाना मौसम मानो स्वयं श्रृंगार करने को लालायित हो । डॉ. विजय कपूर ने अपने सधे अंदाज़ में जब भक्त नहीं होंगे भगवान कहां होगा…झूला झूले अन्नपूर्णा मईया सुहावन लागे…सज धज के जिस दिन मौत की शाहजादी जायेगी ना सोना काम आयेगा ना चांदी आयेगी…डॉ. अमलेश शुक्ल ने जब स्वतंत्रता के अवसर पर देश भक्ति गीत दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिये सुनकर तमाम भक्त झूम उठे। इसके बाद घनन घनन घन घंटा बजेला… अन्नपूर्णा मां का हरियाली श्रृंगार है…लाल चूनरिया ओढ़ के मईया बैठी सिंह सवार…गीतांजली मौर्या ने तेरे हवाले मेरी गाड़ी तू जाने तेरो काम जाने…तू बिगड़ी बनाने वाली हो…मैने माँ से दिल क्यू लगाया है ये मै जानू या माँ जाने…शैलबाला सरकार ने दरबार तेरा दरबारॉ मे…चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है…हर हर महादेव शम्भौ काशी विश्वनाथ गंगे सहित अनेक देवी गीत सुनाकर कलाकारों ने खूब वाहवाही बटोरी । वहीं तबले पर पंकज राय, बैंजो पर पप्पू, ऑर्गन पे संतोष, ढोलक पर नसीम, पैड पर शेखर ने कुशल संगत किया । इसके पूर्व पं रवि शंकर मिश्रा डॉ. ममता टंडन व सोनी सेठ ने गणेश वंदना, दुर्गा स्तुति जय जय भवानी दुर्गे रानी और शिव तांडव पर आकर्षक कथक नृत्य से हाजरी लगाई, तबले पर भोलानाथ मिश्र, सितार पर ध्रुवनाथ मिश्रा और प्रीतम मिश्र ने साथ दिया । भक्तों के जयकारे से मां का दरबार गुंजायमान हो रहा था । कलाकारों का सम्मान मंदिर उपमहन्त शंकर पूरी ने किया कार्यक्रम सयोजक कन्हैया दुबे रहे । इस अवसर पर मुख्य रूप से सहयोग जीवनन्दन झां अनिल पांडे बाबा जी व मिंटू झां का रहा।
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