भोर में मां को पंचामृत स्नान कराकर नूतन वस्त्र धारण कराया गया। तरह- तरह के फूलो से मां का भव्य श्रृंगार व भव्य आरती की गई। इस भव्य झांकी को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। संध्या काल में मां का भव्य श्रृंगार गुलाब, टेंगरि, गेंदे के मालाओं से किया गया। मां की भव्य आरती रामेश्वपुरी द्वारा कि गई।
विख्यात भजन कलाकारों ने लगाई हाजरी
मां भगवती के दरबार मे शाम होते ही सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें जिसमें भजन सम्राट भरत शर्मा व्यास सहित प्रदेश आये गायकों ने एक से बढ़ कर एक भजनों से मां का गुणगान किया गया। मानों जैसे की भजनों की प्रस्तुति से पूरा मन्दिर प्रागण भक्तिमय हो गया था।
मां भगवती के दरबार मे शाम होते ही सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें जिसमें भजन सम्राट भरत शर्मा व्यास सहित प्रदेश आये गायकों ने एक से बढ़ कर एक भजनों से मां का गुणगान किया गया। मानों जैसे की भजनों की प्रस्तुति से पूरा मन्दिर प्रागण भक्तिमय हो गया था।
भोजपुरी सम्राट भरत शर्मा व्यास ने नीमीया के डार मईया…बड़ा भीड़ होला धन तेरस के बिहनवा की झुमी झुमी ना…काशी मे अन्नपूर्णा माई के गजबे भईल सिंगार…सहित कजरी पूर्वी पचरा सुनाकर भोजपूरी की मिठास घोल दी । एक ओर सुमधुर देवी गीत तो दूसरी ओर सुहाना मौसम मानो स्वयं श्रृंगार करने को लालायित हो । डॉ. विजय कपूर ने अपने सधे अंदाज़ में जब भक्त नहीं होंगे भगवान कहां होगा…झूला झूले अन्नपूर्णा मईया सुहावन लागे…सज धज के जिस दिन मौत की शाहजादी जायेगी ना सोना काम आयेगा ना चांदी आयेगी…डॉ. अमलेश शुक्ल ने जब स्वतंत्रता के अवसर पर देश भक्ति गीत दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिये सुनकर तमाम भक्त झूम उठे। इसके बाद घनन घनन घन घंटा बजेला… अन्नपूर्णा मां का हरियाली श्रृंगार है…लाल चूनरिया ओढ़ के मईया बैठी सिंह सवार…गीतांजली मौर्या ने तेरे हवाले मेरी गाड़ी तू जाने तेरो काम जाने…तू बिगड़ी बनाने वाली हो…मैने माँ से दिल क्यू लगाया है ये मै जानू या माँ जाने…शैलबाला सरकार ने दरबार तेरा दरबारॉ मे…चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है…हर हर महादेव शम्भौ काशी विश्वनाथ गंगे सहित अनेक देवी गीत सुनाकर कलाकारों ने खूब वाहवाही बटोरी । वहीं तबले पर पंकज राय, बैंजो पर पप्पू, ऑर्गन पे संतोष, ढोलक पर नसीम, पैड पर शेखर ने कुशल संगत किया । इसके पूर्व पं रवि शंकर मिश्रा डॉ. ममता टंडन व सोनी सेठ ने गणेश वंदना, दुर्गा स्तुति जय जय भवानी दुर्गे रानी और शिव तांडव पर आकर्षक कथक नृत्य से हाजरी लगाई, तबले पर भोलानाथ मिश्र, सितार पर ध्रुवनाथ मिश्रा और प्रीतम मिश्र ने साथ दिया । भक्तों के जयकारे से मां का दरबार गुंजायमान हो रहा था । कलाकारों का सम्मान मंदिर उपमहन्त शंकर पूरी ने किया कार्यक्रम सयोजक कन्हैया दुबे रहे । इस अवसर पर मुख्य रूप से सहयोग जीवनन्दन झां अनिल पांडे बाबा जी व मिंटू झां का रहा।