रोया दुखड़ा, दस माह से नहीं मिला वेतन
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने पराग डेयरी के विपणन व्यवस्था में गुणात्मक सुधार हेतु सख्त निर्देश दिया। महाप्रबन्धक द्वारा डेयरी की खराब आर्थिक स्थिति की जानकारी दिये जाने के दौरान बताया गया कि कर्मियों को लगभग 10 माह से वेतन नही मिला है तथा डेयरी की विभिन्न संस्थानों के पास उत्पाद बिक्री का लगभग 6 करोड़ की धनराशि बकाया है। जिलाधिकारी ने इसे गम्भीरता से लेते हुए संस्थानों से शीघ्र भुगमान कराये जाने का जहॉ भरोसा दिया।
समझाया अर्थशास्त्र, कैसे मिलेगा वेतन
वही वेतन भुगतान न हो पाने तथा आर्थिक स्थिति में सुधार लाये जाने हेतु महाप्रबन्धक को अर्थशास्त्र समझाते हुए बताया कि प्रति दिवस खरीदे जाने वाले 11 हजार लीटर को इसी सप्ताह से दोगुना यानि 22 हजार किये जाने का निर्देश देते हुए, निजी दुग्ध मण्डियों तक पराग के दूघ एवं दुग्ध उत्पाद को बिक्री किये जाने का सुझाव दिया। उन्होने कैलकुलेटर पर जोड़ कर बताया कि दोगुना यानि 11 हजार लीटर दूध अधिक खरीदने तथा 10 हजार लीटर दूध मंडी में बेचे जाने मात्र से ही डेयरी 27 लाख प्रति माह का मुनाफा होगा। इससे वेतन का 15 लाख प्रति माह वितरित होने के बाद भी 12 लाख डेयरी को प्रतिमाह बचेगें। महाप्रबन्धक द्वारा 15 मिनट में 15 समस्या गिनाये जाने पर जिलाधिकारी ने उन्हे आड़े हाथों लेते हुए कहॉ कि समस्या नही डेयरी व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिये सुझाव बताईयें। दूधियों द्वारा पराग की जगह निजी क्षेत्र के लोगो को अपने दूघ की बिक्री कर दिये जाने के कारण दूध मिलने में आ रही परेशानी के बाबत जिलाधिकारी ने भुगतान प्रक्रिया में सुधार लाये जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होने विशेष रूप से जोर देतें हुए कहॉ कि 10-15 दिनों के बकाये पर कोई भी दूधिया पराग को दूध नही बेचेगा। उन्होने एक-दो दिनों पर भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने जोर देते हुए कहॉ कि किसानों को फायदा पहूॅचाने वाले यह सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर है। इसको इसकी दुर्दशा पर नही छोड़ा जा सकता है।
सरकारी संस्थानों में अब पराग दूध
जिलाधिकारी ने मिड डे मिल, सरकारी अस्पतालों सहित अन्य योजनान्तर्गत वितरित होने वाले दूध पराग के ही बॉटे जाने का निर्देश देते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों से वार्ता कर व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने हेतु महाप्रबन्धक को निर्देशित किया। निर्माणाधीन 4 लाख लीटर के प्लान्ट को तुरन्त पूरा कराये जाने का निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने इसके उपयोगिता पर सवाल खड़ा किये। उन्होने कामधेनू एवं मिनी कामधेनू योजनान्तर्गत क्रियाशील इकाईयों से दूध खरीद किये जाने हेतु भी महाप्रबन्धक को निर्देशित किया। पराग डेयरी द्वारा गत् दो वर्ष पूर्व 32 हजार लीटर दूध खरीदने तथा उसके उत्पाद की बिक्री किये जाने की महाप्रबन्धक द्वारा दिये गये जानकारी पर जिलाधिकारी ने सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि फिर इतनी बड़ी गिरावट कैसे हो गया। इस पर क्यों नही अब तक ध्यान दिया गया। उन्होने विपणन एवं प्रोसेसिग सहित उत्पादों के गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ ही जगह-जगह दूध पार्लर खोले जाने का भी निर्देश दिया। इस दौरान जिलाधिकारी ने पूरे प्लान्ट का निरीक्षण किया।