इससे यात्रा करने वाले यात्रियों का समय कम लगेगा। जिससे यात्रा में आसानी होगी। जबसे इस ट्रेन के बारे में लोगों को जानकारी मिली है, तभी से लोग विद्युत से चलने वाली गाड़ी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच मंत्री सिन्हा की इस घोषणा से राहत मिली है।
एक सामाजिक कार्यक्रम में पहुंचे राज्य मंत्री सिन्हा ने कहा कि, वाराणसी से छपरा के बीच विद्युतीकरणका
काम पूरा होने वाला है। इसके अलावा वाराणसी से बलिया तक रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का काम भी तेजी से चल रहा है। आशा है कि, मार्च तक इस रूट पर विद्युत इंजन वाली ट्रेन चलने लगेगी।
वहीं इस बार में रेल विकास निगम लिमिटेड के मुख्य परियोजना प्रबंधक एसके श्रीवास्तव और वरिष्ठ अधिकारी एके सक्सेना ने कहा कि, हमने संक्षिप्त निरीक्षण किया है। बनारस से बलिया तक का काम पूरा किया जा चुका है। बस उसमें इलेक्ट्रिक प्रवाह करना बाकी है। साथ ही बताया कि, इलाहाबाद से छपरा तक के लिए इलेक्ट्रिक लाइन का 2015 से शुरू किया गया, जिसमें लगभग 415 करोड़ तक के खर्च का अनुमान लगाया गया था।
अब जल्द ही यह काम पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद यात्री इस बिजली से चलने वाली ट्रेन का लाभ उठा सकेंगे। अच्छी स्पीड होने के कारण यात्रियों के समय का बचत होगा। साथ ही सफर भी आरामदायक होगा। दोरी ना हो इसलिए वाराणसी बलिया तक की सिग्नलिंग को मार्डन रूप दिया जा रहा है।
इसी कारण गाजीपुर सिटी, नंदगंज, सैदपुर, आकुशपुर, तराव,शाहबाजकुली और बलिया के साथ ही अन्य स्टेशनों के सिग्नलों की अपडेटिंग हो रही है। गाजीपुर में लगभग काम पूरा कर लिया गया है। बाकी कुछ स्टेशनों पर अभी काम जारी है। वहीं इन ट्रेनों में साफ सफाई का विषेश
ध्यान दिया जाएगा।