प्रधानमंत्री द्वारा शुरू स्वच्छता अभियान के तहत शहर से लेकर गांवों तक को खुले में शौच मुक्त करने का अभियान जारी है। इसके लिए जगह-जगह सामुदायिक शौचालय बनाए जा रहे हैं। काफी कुछ का निर्माण हो भी चुका है। अब जो शौचालय बन गए हैं उनमें फीडबैक मशीन लगाई जा रही है। इस फीडबैक मशीन का काम नगर निगम और केंद्रीय नगरीय विकास मंत्रालय को फीडबैक देना है। यह फीडबैक उन शौचालयों को इस्तेमाल करने वाले लोग देंगे।
शौचलायों में लगने वाली फीडबैक मशीनों में तीन तरह के बटन हैं। इसमें हरा बटन स्वच्छ, पीला औसत औ लाल अस्वच्छ का प्रतीक फीडबैक देगा। चिप बेस्ड इस मशीन को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय का स्वच्छता सर्वेक्षण अनुभाग ऑपरेट करेगा। नगर निगम इसकी मानीटरिंग करेगा।
बता दें कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर स्वच्छता सर्वे 2019 अभियान चल रहा है। इसके तहत सफाई, सीवर, बुनियादी सुविधाएं सहित 10 बिंदुओं पर जानकारी हासिल की जा रही है। सर्वे के आधार पर ही स्वच्छता संबंधी शहरों की रैंकिंग होगी। इस तरह मंत्रालय लोगों के फीडबैक से जानेगा कि उनका शहर कितना स्वच्छ है। ऐसे में शहर में बने सामुदायिक शौचालयो से हासिल फीडबैक पर भी नंबरिंग होगी। इससे मंत्रालय शहर के शौचालयों की हकीकत जान सकेगा।
नगर निगम के मुताबिक जिन शौचलायों का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है वहां पहले चरण में फीडबैक मशीनें लगाई जा रही हैं। इसकी शुरूआत रवींद्रपुरी कालोनी से हुई है। इसके अलावा गंगा घाट, कैंट रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन के शौचलयों में भी जल्द ही यह मशीन लग जाएगी। फिलहाल शहर के कुल 157 शौचलयों में से पहले चरण में 17 में मशीन लगाई जा रही है। इसके बाद ही अन्य शौचालयों में यह मशीन लगेगी. इस मशीन के आधर पर शौचलायों की रैंकिंग होगी।