मुकेश सिंह ने कहा है कि काशी हिन्दू विश्विद्यालय में पिछले 14 दिन से चल रहा धरना भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को कड़ी चुनौती है। बीएचयू में डॉक्टर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर जो सवाल खड़े किए जा रहे हैं, कहीं ना कहीं भारतीय संस्कृति, भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कड़ी चुनौती है। महामना द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय के उद्देश्यों पर चोट है। किसी भाषा पर किसी विशेष वर्ग, धर्म का एकाधिकार नहीं हो सकता, जो भी व्यक्ति योग्य है, उसको पठन-पाठन के कार्य में रखा जा सकता है ।वही किया भी गया लेकिन कुछ लोगों द्वारा विश्वविद्यालय को संप्रदायिकता का अखाड़ा बनाने का प्रयास किया जा रहा है जो कि बेहद चिंतनीय और निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से लगातार 14 दिनों से प्रो.फिरोज के मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार ढुलमुल रवैया अपना रही है वो ठीक नहीं हैं। धर्म और भाषा के सवाल पर, प्रो. फ़िरोज का विरोध, इशारा कर रहा है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पठन-पाठन के माहौल को बिगाड़ने का कार्य करते हुए तथाकथित राजनीति का अखाड़ा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुकेश सिंह ने सरकार से मांग किया हैं इस मुद्दे पर तत्काल न्यायोचित कार्यवाही करते हुए, महामना के मंदिर को आदर्श शिक्षण का माहौल दिया जाय।