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मायावती सरकार के समय चौकाघाट पानी टंकी से लेकर रोडवेज तक फ्लाईओवर बनाया गया था उसी समय फ्लाईओवर की दूरी इतनी कम रखी गयी थी कि इसका लाभ नहीं हो रहा था। अखिलेश यादव की सरकार के समय इस फ्लाईओवर के विस्तारीकरण की योजना स्वीकृत करके टेंडर पास किया गया था और रोडवेज से लहरातारा तक निर्माण शुरू हुआ था। सपा सरकार के समय ही इस फ्लाईओवर का बना जाना था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था इसके बाद पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में अधूरी योजना को पूरा करने की जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने उठायी है, जिसके चलते कार्यदायी संस्था पर दबाव बना कर रात-दिन काम कराया जा रहा था और इसी बीच हादसा हो गया है जिसके बाद से सभी दल व विभाग एक-दूसरे पर हादसे के कारण का ठीकरा फोडऩे में जुटे हुए हैं।
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कैंट रेलवे स्टेशन के पास 15 मई की शाम को फ्लाईओवर के पिलर से सैकड़ों टन भारी दो बीम गिर गया था। बीम गिरने से उसके नीचे आधा दर्जन से अधिक वाहन दब गये थे जिसमे 18 लोगों की जान गयी थी। हादसा इतना भयानक था कि बनारस के साथ प्रदेश सरकार भी हिल गयी है। हादसे की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है, जिसने जांच कर अपनी रिपोर्ट सीएम योगी को सौंप चुकी है।
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