वाराणसी. गाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के चौडीकरण के लिए अधिग्रहीत होने वाली कैथी की भूमि के विवाद का कोई हल नहीं निकलता दिखने से किसानो में भारी आक्रोश व्याप्त है। पिछले दिनों भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों की सूची के प्रकाशन के बाद पड़ी आपत्तियों के निस्तारण के लिए सक्षम अधिकारी अपर जिलाधिकारी प्रशासन मुनीन्द्र नाथ उपाध्याय ने मुख्य राजस्व अधिकारी की अध्यक्षता में जांच दल का गठन किया था। इस दल के निर्देश पर गुरुवार को कैथी गांव में नापी करने गई राजस्व विभाग की टीम के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से किसी के न होने से किसानों ने आपत्ति जताई। किसानो का कहना था कि यह नापी धारा 3 क एवं 3 ग के प्रकाशन हो जाने के पूर्व होना चाहिए था, अब नापी करने से पूरी प्रक्रिया में अनावश्यक विलम्ब होगा और मुआवजा वितरण नही हो पाएगा।
बता दें कि कैथी के किसानों ने मुख्यमंत्री सहित अनेक स्तर पर शिकायत भेज कर आरोप लगाया था कैथी के प्रभावित किसानों का नाम गजट करने के नाम पर अभिलेखों में भारी अनियमितता बरती गई और अवैध वसूली करके अनाधिकृत लोगों का नाम प्रकाशित कराया गया है। अनेक पुराने भूअभिलेखों को गायब करने अथवा उसमे कूट रचना के मामले भी अधिकारियों के संज्ञान में लाए गए हैं। अभिलेखों के दुरुस्तीकरण कर वैध लोगों को मुआवजा वितरण करने की प्रक्रिया की बजाय बिना बंदोबस्ती नक्शे और बंदोबस्ती बिंदु का निर्धारण किए नापी का कार्य केवल प्रक्रिया को उलझाने और मूल समस्या से ध्यान भटकाने की कोशिश भर है जिससे अवैध लोगों को करोड़ो रूपये का भुगतान कराया जा सके और दोषी राजस्व कर्मचारियों की कारगुजारी पर पर्दा पड़ा रहे।
प्रभावित किसानो ने उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया है। नाप करने गए दल में राजस्व निरीक्षक प्रभुनाथ तिवारी, नागेद्र पाण्डेय, लेखपाल अवधेश पाण्डेय, उमा शंकर राम और विक्रमा यादव आदि शामिल थे। इस अवसर पर कैथी के किसान हरिवंश सिंह, उमा चरण पांडेय, राम लखन यादव , कन्हैया लाल यादव, रामधार यादव, जीतू सिंह, राजेंद्र प्रसाद सिंह, गुल्लू यादव, कैप्टन सुरेश प्रताप सिंह, प्रेमेंद्र सिंह, शक्ति सिंह, सनीश सिंह, वल्लभ आचार्य पांडेय, मुन्ना सिंह आदि उपस्थित रहे।
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