यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में मिली बड़ी पराजय के बाद अखिलेश यादव का यह दूसरा बनारस दौरा है। इससे पहले वह 04 फरवरी 2018 को पृथ्वीराज चौहान जनस्वाभिमान रैली में आए थे। लेकिन इस बार का उनका बनारस दौरा खासा मायने रख रहा है। इस दौरे में वह दोपहर बाद तीन से शाम पांच बजे तक बनारस में रहेंगे। एक बड़े समुदाय से रू-ब-रू होंगे। राजनीतिक विश्लेषक पूर्व सीएम के दौरे को सियासी चश्मे से देखने लगे हैं। इसका निहितार्थ निकाला जाने लगा है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लने आए हैं। यह कार्यक्रम है भारत के सबसे पुरातन ऐतिहासिक पर्व गोवर्धन पूजनोत्सव का। यहां यह भी बता दें कि इस पूजनोत्सव में पूर्व के वर्षों में लगातार शिवपाल यादव आया करते रहे हैं। लेकिन इस बार शिवपाल के सपा से अलग हो कर अलग समाजवादी सेक्यूलर पार्टी बना ली है। ऐसे में शिवपाल के गढ को ढाहना भी इस यात्रा का एक प्रमुख कारण है। साथ ही चूंकि वह प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में होंगे तो निश्चित तौर पर उनके इस दौरे के अन्य मायने निकाले जाने लगे हैं।