गहलोत ने रविवार को यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि अलवर, सीकर, जोधपुर सभी जगह मुख्यमंत्री को विरोध का सामना करना पड़ा है। जोधपुर में सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक बंद हुआ। सीकर में मीटिंग छोड़कर आना पड़ा।
‘परिवार के लोग लफंगे कब से हो गए’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुख्यमंत्री अपने भाषणों में हर जगह प्रदेशवासियों को अपना पूरा परिवार बताते नहीं थकती थीं, वो बताएं कि परिवार के लोग ही लफंगे कब से बन गए। वे अपना आपा खो चुकी हैं, बौखला चुकी हैं, उन्हें पता है कि आने वाले चुनावों में क्या होने वाला है।’
प्रदेश की जनता से माफ़ी मांगे सीएम उन्होंने कहा, ‘तीन साल तक आमजन से मिलना तो दूर सारे काम ठप कर दिए गए। वे बताएं कि प्रदेशवासियों का क्या कसूर है? उन्हें प्रदेशवासियों से माफी मांगनी चाहिए अन्यथा जहां-जहां वे जाएंगी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ेगा।
दबाव में काम कर रही ब्यूरोक्रेसी पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आने वाले चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री घोषणाएं करें तो कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि घोषणाएं लागू होने वाली नहीं है। ब्यूरोक्रेसी समझ गई है कि उन्हें जेल नहीं जाना है। हमने भी कह दिया है कि ब्यूरोक्रेसी इनके दबाव में आकर कई जिलों में अन्याय और अत्याचार कर रही है, झूठे मुकदमे बनाए जा रहे हैं, चुन-चुन कर कांग्रेसियों के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है, हम उन्हें बक्शेंगे नहीं। जो ईमानदारी से निष्पक्ष होकर काम करेंगे उन्हें चिन्ता करने की जरूरत नहीं है, हम उनका बचाव करेंगे।