राजनीति पंडितों की माने तो गोरखपुर के शहरी इलाके में मात्र वोटिंग 37 प्रतिशत हुई है। गोरखपुर में 47.45 प्रतिशत वोटिंग हुई, इतने कम वोटिं की किसी को उम्मीद नहीं थी। सबसे खराब स्थिति गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र की है जहां मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने वोटिंग बढ़ाने की अपील की थी। लेकिन शहर का महज 37.76 प्रतिशत मतदाता ही घर से बाहर निकल बूथ तक पहुंचा।
कम वोटिंग ने सियासी सरगर्मी बढ़ा कर रख दी है। इससे सबसे ज्यादा बीजेपी का सियासी समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है। सियासी पंडितों की माने तो किसी भी प्रत्याशी की हार जीत का अंतर काफी कम होगा।
मतगढ़ना से पहले भले ही सभी पार्टियां अपने-अपने जीत का दावा कर रहीं हैं। लेकिन, बात करें तो उपेन्द्र दत्त शुक्ल की तो ये सीएम योगी के खास न हों पर केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री
शिव प्रताप शुक्ल के करीबी हैं। जिनके नजदीकी बाहुबली हरिशंकर तिवारी का परिवार है। इसके चलते तिवारी परिवार उपेन्द्र दत्त के खिलाफ नहीं निकला। वोटिंग प्रतिशत के चलते भी बीजेपी को यहां राहत है। हालांकि निषाद पार्टी, पीस पार्टी के समर्थन से सपा यहां कड़ी टक्कर दे रही है। सपा लगातार जीत का दावा कर रही है, पर राजनीतिक पंडित दावा न कर सिर्फ इतना ही कह रहे हैं कि जीत हार का अंतर काफी कम होगा।
सपा का दावा निषाद पार्टी, पीस पार्टी के समर्थन के सहारे
योग के जिले गोरखपुर में सपा यहां कड़ी टक्कर दे रही है। सपा लगातार जीत का दावा कर रही है, पर राजनीतिक पंडित दावा न कर सिर्फ इतना ही कह रहे हैं कि जीत हार का अंतर काफी कम होगा।
सबकी नजर में सीएम योगी का जिला केंद्र और राज्य की प्रतिष्ठा भी जुड़ी प्रदेश की हत्वपूर्ण सीट पर हुए उपचुनाव पर सभी सियासी दलों की नजर बनी हुई है। जहां एक तरह यूपी में प्रचंड बहुमत वाली योगी सरकार से इसे सीधे जोड़ा जा रहा है। आम चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की लहर का भी अंदाजा भी विपक्ष लगाने में जुटा है। तो इस चुनाव से प्रदेश की बीजेपी सरकार के
काम का आंकलन भी करने जा रहा है।
गोरखपुर में वोटिंग प्रतिशत शहर विधानसभा – 37.76 ग्रामीण विधानसभा-47.74 सहजनवा-50.07 पिपराइच-52.24 कैम्पियरगंज-49.43