दरअसल काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई कर रही वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बीते आठ मार्च को ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण का आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट जाने की बात कही थी। मुस्लिम पाक्षकार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद का तर्क है कि मस्जिद की धार्मिक स्थिति 15 अगस्त 1947 को मस्जिद की थी और इस मुकदमे को इसी आधार पर निरस्त कर दिया जाना चाहिये।