दरअसल पर्यटन को नई उड़ान देने के लिए अस्सी घाट पर शुरू हुई हॉट एयर बैलून तेज हवा के चलते नहीं उड़ सका। ऐसा नहीं कि बैलून ने आज कोई फेरा नहीं लगाया। शुरूआत तो सही रही। सुबह सात बजे से बैलून ने ठीकठाक उड़ना भरी लेकिन चार फेरे के बाद चलने लगी तेज हवा जिसके चलते यह बैलून नहीं उड़ पाया। बता दें कि बैलून को सुबह सात से रात 10 बजे तक उड़ना है।
बता दें कि दो दिन पहले ही पर्यटन विभाग ने इसकी घोषणा की थी। रविवार की सुबह संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने इसका उद्घाटन किया और इस बैलून में बैठ कर सौ फीट की ऊंचाई तक का सफर भी तय किया। पहले दिन की सफलता को देख सोमवार को क्रिसमस के रोज शहर के लोगों की भीड़ लग गई। छुट्टी का दिन था ऐसे में लोग इस नए रोमांच का मजा लेने की चाह के साथ अस्सी घाट पहुंचे थे। लेकिन एक आह लेकर लौटे की काश आज हवा उतनी तेज न होती तो हम भी इसका मजा लेते। हालांकि इसे अस्सी घाट के सामने रेती से भी उड़ाने की कोशिश की गई लेकिन वहां भी हवा की तेजी ने मायूस ही किया।
हॉट एयर बैलून के दूसरे ही दिन न उड़ पाने की सबसे ज्यादा मायूसी इसमें बैठने की चाह लेकर अस्सी घाट पहुंचने वाले सैलानियों को हुई। अपने परिवार संग पहुंचे सुशील ने बताया कि बच्चों की जिद पर आ तो गए, लेकिन न इसका टिकट मिला और न ही इसको उड़ता देख पाए। अकेल सुशील ही नहीं करीब सौ लोग जिन्होंने ऑन लाइन बुकिंग कराई थी उन्हें भी मायूसी हाथ लगी। सारी बुकिंग कैंसिल कर दी गई।
बता दें कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वाराणसी में लिए पर्यटन विभाग की तरफ से यह नई पहल की गई है। हॉट एयर बैलून सेवा प्रारंभ होने से देशी-विदेशी पर्यटकों में खासा उत्साह है। लेकिन सोमवार को जो कुछ हुआ उसकी आशंका पहले दिन से ही थी। इस संबंध में आयोजकों ने पहले ही कहा था कि हवा तेज रहेगी तो यह बैलून नहीं उड़ पाएगा। बताया गया था कि 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा तेज हवा चलने पर यह गुब्बार नहीं उड़ पाएगा।