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ऐसे कम करें किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें
किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिये बेहद काम की चीज है। इससे लोन लेकर वह समय पर खेती करते हैं, जिससे उन्हें खाद-बीज, बुआई को लेकर ज्यादा चिंता नहीं होती। समय से सबकुछ हो जाने पर फसल भी अच्छी होती है। केसीसी धारकों को यूं तो नियमानुसार नौ प्रतिशत ब्याज देना होता है। पर सरकार इसमें उनकी मदद करती है और ब्याज दरों में दो प्रतिशत की छूट देती है। यानि किसान को केसीसी कार्ड से लिये गए लोन पर ब्याज दर पड़ी 7 प्रतिशत, तक आ जाती है। पर अगर आप अपना ऋण एक साल के अंदर चुका देते हैं तो ब्याज दर में तीन प्रतिशत की और छूट मिलती है। यानि नौ में से दो प्रतिशत सब्सिडी और तीन प्रतिशत जल्दी चुकता करने को मिलाकर छूट पांच प्रतिशत पहुंच जाएगी। यानि कार्ड धारक को अदा सिर्फ 4 प्रतिशत ब्याज ही देना पड़ेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना भी आसान
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना भी बेहद आसान है। महज तीन डाॅक्यूमेंट देकर किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया जा सकता है। सबसे पहले आवेदक के रिकाॅर्ड चेक होंगे ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि वह किसान या योजना का लाभ लेने का हकदार है या नहीं। दूसरे उसके पास आधार कार्ड और पैन कार्ड होना चाहिये। इसके अलावा उसपर कोई बैंक कर्ज भी नहीं होना चाहिये। इसके लिये एक एफिडेविट लगाना पड़ेगा।
न कोई प्रोसेसिंग फीस न बंधक
किसान क्रेडिट कार्ड में एक और अच्छी बात है कि इसपर अब किसी किस्म का प्रोसेसिंग चार्ज नहीं लगता। हालांकि पहले पांच हजार रुपये शुल्क के रूप में देना पड़ता था। पर अब यह नहीं लगता। इसके अलावा अगर किसान 1.60 लाख तक का लोन लेता है तो उसे जमीन भी बंधक नहीं रखनी पड़ती।
5 साल की वैलिडिटी
किसान क्रेडिट कार्ड की वैलिडीटी पांच साल की होती है। इसके बाद इसका नवीनीकरण कराना पड़ता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, कोआपरेटिव बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, आईडीबीआई या नेशनल पेमेंट्स काॅर्पोरेशन ऑफ इंडिया में अप्लाई कर बनवाया जा सकता है।