यह जानकारी देते हुए इसे बनाने वाले इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डॉ. श्याम कमल ने बताया कि मेरे साथ डॉ. संतोष कुमार सिंह, डॉ. संदीप घोष और डॉ नायडू के ने कड़ी मेहनत कर इस सफलता को हासिल किया है। यह टाॅय कार देश में सभी जगह आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। इसलिये यह रोबोट बनाने में इसका इस्तेमाल किया गया है ताकि इसे किसी भी स्थान पर बनाना आसान होगा।
कैसे करेगा कार्य
डॉ श्याम कमल ने बताया की यह रोबोट दो प्रकार से कार्य करेगा। पहला, इस रोबोट में एक यूवी-सी लाइट टाॅय कार के नीचे लगी है जो सतह को सैनिटाइज करती है और दूसरा, इस रोबोट में एक यूवी-सी लाइट टाॅय कार के उपर लगी है जो पूरे कमरे को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम है। हालांकि सतह सैनिटाइज करने का काम व्यक्तियों की उपस्थिति में किया जा सकता है लेकिन टाॅय कार में ऊपर लगे लाइट का इस्तेमाल सिर्फ खाली कमरे में ही किया जा सकता है।
30 मिनट में रूम हो जाएगा सेनेटाइज
उन्होंने बताया की ये रोबोट पूरे कमरे को आधे घंटे में डिसइंफेक्ट करने में सक्षम है। इसमें आरएफ स्विच और कैमरे लगे हैं, जिससे इसे रूम के बाहर से ही ऑपरेट किया जा सकता है। यूवी-सी का इस्तेमाल ऐसे सतह पर भी किया जा सकता है जिसे धोया नहीं जा सकता।
डॉ. श्याम कमल ने बताया की इसकी पोर्टबिलिटी की वजह से ऐसा एक रोबोट, पूरे हॉस्पिटल के लिए काफी होगा। इस रोबोट की मदद से हॉस्पिटल्स, बस, ट्रैन, होटल्स, स्कूल, कार्यालय, क्वारेंटाइन सेंटर आदि को भी काफी कम समय में सैनिटाइज किया जा सकेगा। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ने के लिए संस्थान अपनी सामाजिक दायित्वों का निर्वाह पूरी लगन से कर रहा है।