सीएम के समक्ष निदेशक आईआईटी ने दिया प्रेजेंटेशन
लखनऊ में बीते मंगलवार को शास्त्री भवन में मुख्यमंत्री द्वारा परियोजना की प्रगति समीक्षा के दौरान संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने परियोजना में संस्थान की भागीदारी कैसे हो इस पर प्रस्तुति दी। उन्होंने मुख्यमंत्री को पांच प्रमुख बिंदुओं पर जानकारी दी। इसमें स्मार्ट और सेंसर मैटैरियल्स, कंपोजिट, धातु और मिश्रित धातु, नवीन पद्धतियों और तकनीकों, सुरक्षा व खतरों की जांच और रक्षा वास्तु कला, मशीनिंग और असेंबली प्रीसीशन इंजीनियरिंग पर प्रमुख हैं।
आईआईटी कानपुर की भी होगी महत्वपूर्ण भूमिका
इस परियोजना में आईआईटी कानपुर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बता दें कि इस परियोजना की स्थापना के लिए अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर और जालौन में लगभग 5125 हेक्टेभयर भूमि चिन्हित कर ली गई है।
इस परियोजना में आईआईटी कानपुर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बता दें कि इस परियोजना की स्थापना के लिए अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर और जालौन में लगभग 5125 हेक्टेभयर भूमि चिन्हित कर ली गई है।
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर को उत्कृष्टकता का केंद्र बनाने का होगा प्रयासः प्रो जैन
इस संबंध में जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पीके जैन ने बताया कि आईआईटी (बीएचयू) डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के लिए उत्कृष्टकता का केंद्र बने, इसके लिए सुरक्षा क्षेत्रों की अग्रणी संस्थान जैसे डीआरडीओ, ऑर्डनेंस फैक्टरी आदि का भी सहयोग लिया जाएगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पीके जैन ने बताया कि आईआईटी (बीएचयू) डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के लिए उत्कृष्टकता का केंद्र बने, इसके लिए सुरक्षा क्षेत्रों की अग्रणी संस्थान जैसे डीआरडीओ, ऑर्डनेंस फैक्टरी आदि का भी सहयोग लिया जाएगा।
बता दें कि निदेशक का पदभार संभालने के अगले ही दिन मीडिया से मुखातिब प्रो जैन ने कहा था कि तीन साल में इस संस्थान का नक्शा बदल जाएगा। संस्थान देश ही नहीं दुनिया के शीर्ष तकनीकी संस्थानों में एक होगा। अब इस दिशा में काम शुरू हो गया है।