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वाराणसी

24 घंटे की हड़ताल पर गये आईएमए के चिकित्सक, मरीजों की हुई फजीहत

जुलूस निकाल कर केन्द्र सरकार से की सुरक्षा की मांग, OPD नहीं देखे गये मरीज

वाराणसीJun 17, 2019 / 04:16 pm

Devesh Singh

IMA Doctor

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वाराणसी. पश्चिम बंगाल में चिकित्सक के साथ हुई मारपीट की घटना ने चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल खड़े कर दिये हैं। सोमवार को बनारस में आईएमए के चिकिेत्सकों ने देशव्यापी हड़ताल के तहत जुलूस निकाला और परिसर में धरना दिया। चिकित्सकों के ओपीडी में मरीजों के नहीं देखने से स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी से उतर गयी। चिकित्सकों ने कहा कि केन्द्र सरकार उनकी सुरक्षा के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को देश भर में लागू करें। चिकित्सकों की यह हड़ताल सुबह 6बजे से 18 जून सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी।

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आईएमए के चिकित्सकों ने सबसे पहले जुलूस निकाला और धरना दिया। आईएमए चिकित्सकों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित नीलरत्न मेडिकल कॉलेज मेें डा.परिवाहा मुखर्जी के साथ मरीज के परिजनों ने जिस तरह से मारपीट की है उससे एक बार फिर चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गयी। पश्चिम बंगाल की घटना बेहद निंदनीय है। चिकित्सकों ने कहा कि केन्द्र सरकार को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप कर चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था को ठीक करने की मांग की है। चिकित्सकों ने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को राष्र्टीय स्तर का कानून बनाना चाहिए। इससे चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। एक्ट में ऐसे प्रावधान हो कि चिकित्सकों पर हमले करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिले। चिकित्सकों की हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए आईएमए अध्यक्ष डा.भानु शंकर पांडेय ने कहा कि चिकित्सक समाज का महत्वपूर्ण अंग हैं। हम लोग विषम परिस्थितियों में २४ घंटे मरीजों की निस्वार्थ सेवा करते हैं। यदि हम लोगों को सुरक्षित वातावरण नहीं मिलेगा तो इसका सीधा असर मरीजों के इलाज पर पड़ेगा। आईएमए की सचिव डा.मनीषा सिंह ने कहा कि चिकित्सकों केी प्रति हिंसा व अस्पतालों में तोडफ़ोड़ की घटना रोकने के लिए आईएमए ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। सरकार को चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए समुचित उपाय करने चाहिए। चिकिेत्सकों ने 24 घंटे की हड़ताल के चलते ओपीडी में मरीजों को नहीं देखा है जबकि मरीज के हितों को देखते हुए इमरजेंसी व आवश्यक सेवाओं को हड़ताल से मुक्त रखा गया है। धरने में डा.अरविंद सिंह, आईएम के वित्त सचिव डा.एके त्रिपाठी, जनसम्पर्क सचिव डा.अभिषेक सिंह, डा.पीके तिवारी, डा.अनिल औहरी आदि चिकित्सक शामिल थे।
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