उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मेहमानों के साथ रुद्राक्ष कन्वेंशन सेण्टर पर बने 3 मिनट के ऑडियो विज़ुअल ‘रुद्राक्ष’ देखेंगे। यहां पीएम करीब 500 लोगों से संवाद भी करेंगे। वीडियो फ़िल्म के माध्यम से जापान के प्रधानमंत्री भी शुभकामनाएं दे सकते हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बदलते बनारस की तस्वीर दुनिया देखेगी।
सर्व विद्या की राजधानी काशी में धर्म ,अध्यात्म ,कला, संस्कृति और विज्ञान पर चर्चा होती है, तो इसका सन्देश पूरी दुनिया में जाता है। बनारस में संगीत के सुर,लय और ताल की त्रिवेणी अविरल बहती रहती है। 2015 में वाराणसी को यूनेस्को के ‘सिटीज ऑफ म्यूजिक’ से नवाजा गया था। शिल्पियों की थाती वाले शहर बनारस ने दुनिया को कला की प्राचीन नमूनों से परिचित कराया है, जिसका कायल पूरा विश्व है।
भारत जापान की दोस्ती का नायाब तोहफा
दुनिया के सबसे प्राचीन और जीवंत शहर काशी को जापान ने भारत से दोस्ती का एक ऐसा नायाब तोहफ़ा रुद्राक्ष के रूप में दिया है। इसमें बड़े दुनिया के सबसे अत्याधुनिक और बेहतरीन उपकरणों के साथ म्यूजिक कंसर्ट, कांफ्रेंस, नाटक और प्रदर्शनियां जैसे कार्यक्रम किये जा सकेंगे। कन्वेंशन सेंटर की नींव 2015 में उस समय पड़ गई थी, जब जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी लेकर आए थे। इसे जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने फण्ड किया है। डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल और निर्माण फुजिता कॉरपोरेशन ने किया है। 10 जुलाई 2018 को इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
‘रुद्राक्ष’ की खूबियां
शिवलिंग की आकृति में वाराणसी में बनाए गए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सम्मेलन केन्द्र का नाम शहर के मिज़ाज के अनुरूप ‘रुद्राक्ष’ है। इसमें स्टील के एक सौ आठ रुद्राक्ष के दाने भी लगाए गए हैं। जितना खूबसूरत ये देखने में है, उतनी ही अपनी खूबियां भी है।