बता दें कि पत्रिका से बातचीत में आईआईटी के प्रोफेसर विश्वंभर
नाथ मिश्र आईपीडीएस के भूमिगत केबिल बिछाने पर कहा था कि यह तो काशी के भूगर्भ में माइंस बिछाने जैसा काम हो रहा है। उन्होंने इसके भयंकर खतरे से आगाह किया था। ऐसे ही वरिष्ठ समाजवादी नेता और एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने भी आशंका जताई थी। उन्होंने यह मसला विधानपरिषद तक में उठाया था। उन्होने तो यहां तक कहा कि आईपीडीएस के पास तो इसका नक्शा तक नहीं है कि उसने कहां कैसे भूमिगत केबिल डाला है। लेकिन काम बदस्तूर जारी रहा। कहीं को बदलाव नहीं हुआ। नतीजा पहले सावन के महीने में बाबा विश्वनाथ की सवारी नंदी की करंट लगने से मौत हुई। फिर काशी के कोतवाल काल भैरव की सवारी कुत्तो की मौत हुई। अब तो ब्लास्ट होने लगे हैं। यहां यह भी बता दें कि इस बार भी कमच्छा क्षेत्र में ब्लास्ट हुआ है और इसी इलाके में वेल्फेयर हॉस्पिटल के समीप जलकल विभाग की खोदाई में पता चला था कि आईपीडीएस के कर्मचारी सीवर व पेयजल की पाइप लाइन से कर दिए थे बिजली के केबिलि। वह भी बाकयदे वेल्डिंग तक कर दी गई थी। उस वक्त भी जम कर हंगामा हुआ था। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी। पत्रिका ने यह भी बताया था कि अब जलकल, जल निगम के कर्मचारी लीकेज दूर करने से कतराने लगे हैं। वो खुल कर कहने लगे हैं कि जान जोखिम में डाल कर काम नहीं करेंगे।
अब ताजा तरीन घटना मंगलवार की है जब कमच्छा के पास छह इंच नीचे डाली गई 11 केवी की लाइन में सड़क बनाने के दौरान ब्लास्ट हो गया। आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के घरों और दुकानों में बैठे लोग सहम गए। डर के मारे लोग इधर-उधर भागने लगे। लेकिन जल्द ही पता चला कि भूमिगत केबल में ब्लास्ट हुआ है। इससे नाराज दर्जनों लोग मौके पर जुट गए और पावर ग्रिड के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। घंटों बाद क्षेत्र की बिजली आपूर्ति सामान्य हुई।
इस हादसे के बाद मौके पर पहुंचे पावर ग्रिड के बिजली इंजीनियरों का कहना था कि 33केवी की लाइन एक मीटर, 11 केवी की लाइन उससे कुछ कम और सामान्य लाइन कम से कम आधा मीटर नीचे होनी चाहिए। साथ ही वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे। लाल निशान लगाना होगा ताकि कोई दूसरा विभाग काम करने आए तो एहतियात बरते। लेकिन आईपीडीएस ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। उल्टे सामान्य तौर पर सड़क की सतह से छह इंच नीचे केबल डाल दिया। नतीजा कमच्छा के पास नगर निगम द्वारा सड़क को उखाड़ कर बनाने का काम जैसे ही शुरू हुआ जेसीबी में केबल फंस गया और तेज आवाज के साथ चिंगारी निकलने लगी। यह तो संयोग ही था कि लाइन टिप कर गई अन्यथा किसी बड़ी घटना से इन्कार नहीं किया जा सकता था।