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वाराणसी

मां गंगा प्रधानमंत्री बना सकती हैं तो गद्दी से उतार भी सकती हैं- जलपुरुष राजेंद्र सिंह

राजस्‍थान की नदियां पुर्नजीवित हो सकती है तो मां गंगा प्रदूषण मुक्‍त क्‍यों नहीं हो सकती -प्रो विश्वंभर नाथ मिश्र

वाराणसीJun 05, 2018 / 12:51 pm

Ajay Chaturvedi

जल पुरुष राजेंद्र सिंह को मिला प्रो वीरभद्र मिश्र अंतर्राष्ट्रीय सम्मान

जल पुरुष राजेंद्र सिंह को मिला प्रो वीरभद्र मिश्र अंतर्राष्ट्रीय सम्मान

वाराणसी. जल पुरूष राजेन्‍द्र सिंह का कहना है कि मां गंगा इस देश की लाइफ लाइन हैं। यह अपने किनारे रहने वाले 50 करोड़ लोगों के जीवन यापन का साधन है, लेकिन आज मां गंगा खुद प्रदूषित होकर समाप्‍त की कगार पर खड़ी है, क्‍योंकि हमारे देश के नीति निर्धारकों की गलत नीतियों के कारण गंगा दिन पर दिन खत्‍म होती जा रही है। हमारी नीतियां डिस्‍चार्ज पर ही बनाई गई है, मां गंगा सहित अन्‍य नदियों से हम सिर्फ और सिर्फ लेने की नीति पर चल रहे है उन्‍हें रिचार्ज देने की कोई नीति ही हमने आज तक नहीं बनाई जिसका कारण गंगा सहित देश की अन्‍य नदियां खत्‍म होने के कगार पर खड़ी है। लेकिन हमारे देश के नीति निर्धारक यह भूल गए की गंगा में एक बहुत बड़ी खूबी है की वह जितना देना जानती है उतना ही लेना भी उसे आता है। उन्‍होनें कहा की पिछले चार साल मे गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिये कुछ काम नहीं है, जिनको मां गंगा ने देश का प्रधानमंत्री बनाया वह भी मां गंगा को भूल गए लेकिन उन्‍हें यह याद रखना चाहिए की जो मां प्रधनमंत्री बना सकती है, वह हटा भी सकती है। उन्‍होनें कहा की मां गंगा सिर्फ एक नदी ही नहीं है बल्कि वह देश की संस्‍कृति एवं सभ्‍यता की प्रतीक है। मां गंगा के किनारे ही देश की संस्‍कृति पल्‍लवित एवं पुष्‍वति हुई है। यह देश की पहचान है। हमने मोदी जी पर बहुत विश्‍वास था लेकिन उन्‍होनें मां गंगा के लिये कुछ नहीं किया।
विश्‍व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्‍या पर सोमवार को तुलसीघाट पर संकटमोचन फाउण्‍डेशन, ऑज ग्रीन संस्‍था, आस्‍ट्रेलिया एवं मदर्स फॉर मदर्स के संयुक्‍त तत्‍वावधान में आयोजित प्रो वीरभद्र मिश्र अन्‍तर्राष्‍ट्रीय पर्यावरण पुरस्‍कार एवं काशी में गंगा प्रदूषण समस्‍या एवं समाधान विषयक संगोष्‍ठी की विषय स्‍थापना करते हुए संकट मोचन फाउण्‍डेशन के महंत एवं आईआईटी0 बीएचयू के इलेक्‍ट्रानिक विभाग के अध्यक्ष प्रो विश्‍वम्‍भर नाथ मिश्र ने कहा की आज का विषय काशी में गंगा प्रदूषण समस्‍या एवं समाधान विषयक प्रस्‍तावना रखते हुए कहा की काशी में गंगा की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गयी है, आज काशी में प्रतिदिन 350 एमएलडी सीवर डिस्‍चार्ज हो रहा है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्‍व राजीव गांधी ने 1986 में मां गंगा को प्रदूषण मुक्‍त करने के लिये गंगा एक्‍शन प्‍लान का काशी में शुभारंभ किया था, तब से लेकर आजतक गंगा की स्थित दिन पर दिन खराब होती जा रही है, आज गंगा की स्थिति सबसे खतरनाक स्‍तर पर पहुंच गई है। गंगा जी में डिस्‍चार्ज आक्‍सीजन की कमी होती जा रही है, जिससे गंगा जी रहने वाले जलीय जीव जंतु व पानी को शुद्ध रखने की कमी हो रही है। मां गंगा को प्रदूषण से मुक्‍त कराने के लिए 1982 में संकट मोचन फाउण्‍डेशन की स्‍थापना हुई, तब से लेकर आज तक संस्‍था गंगा के प्रति समर्तिप भाव से काम कर रही है। आज गंगा की स्थिति देखकर बहुत ही दुख होता है की आज गंगा में पानी ही नहीं है। उन्‍होनें कहा की जब राजस्‍थान की नदियां पुर्नजीवित हो सकती है तो मां गंगा प्रदूषण मुक्‍त क्‍यों नहीं हो सकती है, यह सिर्फ और सिर्फ राजनीतिज्ञ दृढ़ इच्‍छा शक्ति की कमी है जिसके कारण मां गंगा प्रदूषण मुक्‍त नहीं हो रही है, उन्‍होनें वर्तमान सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा की पिछले चार साल में गंगा के लिये कुछ काम नहीं हुआ।
संगोष्‍ठी की अध्‍यक्षता करते हुए गोरखपुर यूनिर्वसिटी के पूर्व कुलपति प्रो बीएम शुक्‍ला ने कहा की देश की जीवन रेखा गंगा को बचाने के लिये देश के सभी लोगों को जाति धर्म, राजनीति से उपर उठकर आगे आना होगा, तभी मां मंगा प्रदूषण मुक्‍त होंगी। उन्‍होनें कहा की देश में मां गंगा को प्रदूषूण मुक्‍त कराने के लिये एसटीपी तो लगाया जा रहा है लेकिन उसका संचाचलन एवं क्रियान्‍वयन सही ढंग से नहीं होने के कारण वह बेकार साबित हो रहा है।
संगोष्‍ठी को संबोधित करते हुए प्रो एसएन उपाध्‍याय ने कहा की मां गंगा भारत देश की अभियान व पहचान होने के साथ-साथ 50 करोड़ लोगों का भरण पोषण करने वाली नदी है जो आज खुद प्रदूषण से कराह रही है, इनको प्रदूषण मुक्‍त करने के लिये हमें एक ठोस नीति बनाकर उसपर अविलम्‍ब कार्य करने की जरूरत है। इसके पूर्व मदर्स फॉर मदर्स की तरफ से तुलसीघाट पर वृक्षाराेपण किया गया जिसमे आम, पीपल, नीम, जामुन, पाकड़, कदम आदि के पौधे लगाए गए।
समारोह का शुभारंभ पंडित स्‍वर्ण प्रताप एव आचार्य कात्‍यायनजी जी के मंगलाचरण से हुआ, इसके पश्‍चात साहित्‍यकार पं हरिराम द्धिवेदी ने मर्यादा है इस देश की पहचान है गंगा गीत की सुन्‍दर प्रस्‍तुति करके कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इसके पश्‍चात मदर्स फॉर मदर्स की संस्‍थापक अध्‍यक्ष आभा मिश्रा ने मुख्‍य अतिथि व मुख्‍य वक्‍ता जल पुरूष राजेन्‍द्र सिंह जी, संकटमोचन फाउण्‍डेशन के अध्‍यक्ष प्रो विश्‍वम्‍भर नाथ मिश्र, गोरखपुर यूनिर्वसिटी के पूर्व्र कुलपति प्रो बीएम शुक्‍ल एवं आईआईटी बीएचयू के पूर्व निदेशक प्रो एसएन उपाध्‍याय को पुष्‍प गुच्‍छ देकर स्‍वागत किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मदर्स फॉर मदर्स संस्‍था बनाने का मुख्‍य उद्देदश्‍य मां गंगा जो पूरे देश की मां है, इस मां को प्रदूषण से मुक्‍त करने के लिये घर-घर से माताओंं का गंगा के प्रति जागरूक करके उन्‍हें प्रदूषण मुक्‍त कराना है। इसके पश्‍चात संकटमोचन फाउण्‍डेशन के अध्‍यक्ष प्रो0 विश्‍वम्‍भर नाथ मिश्र ने जल पुरूष राजेन्‍द्र सिंह को प्रो वीरभद्र मिश्र अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यावरण पुरस्‍कार से सम्‍मानित करते हुए उन्‍हें अंगवस्‍त्रम एवं स्‍मृति चिन्‍द प्रदान किया।
इस अवसर पर अन्‍नपूर्णा शुक्‍ला, पूर्व विधायक अजय राय, भाजपा नेता डा दया शंकर मिश्र दयालु, सतीश चन्‍द्र मिश्र, रीता अग्रवाल, अशोक पाण्‍डेय, राजेश मिश्रा, विनोद तिवारी, रूपेष पाण्‍डेय, गोपाल पांडेय आदि उपस्तित रहे। संगोष्‍ठी का संचालन प्रो पीके मिश्रा ने किया तथ धन्‍यवाद प्रो एसएन उपाध्‍याय ने दिया।

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