शुभ मुहूर्त
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 5:50 बजे से 6:58 बजे तक
करवा चौथ चंद्रोदय समय: रात 8:15 करवा चौथ पूजन विधि
– सुबह-सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
– संकल्प लेने के लिए इस मंत्र का जाप करें
‘‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये’
– घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनाएं और चावल को पीसकर उससे करवा का चित्र बनाएं। इस रीति को करवा धरना कहा जाता है।
– शाम को मां पार्वती और शिव की कोई ऐसी फोटो लकड़ी के आसन पर रखें, जिसमें भगवान गणेश मां पार्वती की गोद में बैठे हों।
– कोरे करवा में जल भरकर करवा चौथ व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
– मां पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढ़ाएं या उनका श्रृंगार करें. इसके बाद मां पार्वती भगवान गणेश और शिव की अराधना करें।
– चंद्रोदय के बाद चांद की पूजा करें और अर्घ्य दें।
– इसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर या निवाला खाकर अपना व्रत खोलें. पूजन के बाद अपने सास-ससूर और घर के बड़ों का आर्शीवाद जरूर लें।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 5:50 बजे से 6:58 बजे तक
करवा चौथ चंद्रोदय समय: रात 8:15 करवा चौथ पूजन विधि
– सुबह-सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
– संकल्प लेने के लिए इस मंत्र का जाप करें
‘‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये’
– घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनाएं और चावल को पीसकर उससे करवा का चित्र बनाएं। इस रीति को करवा धरना कहा जाता है।
– शाम को मां पार्वती और शिव की कोई ऐसी फोटो लकड़ी के आसन पर रखें, जिसमें भगवान गणेश मां पार्वती की गोद में बैठे हों।
– कोरे करवा में जल भरकर करवा चौथ व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
– मां पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढ़ाएं या उनका श्रृंगार करें. इसके बाद मां पार्वती भगवान गणेश और शिव की अराधना करें।
– चंद्रोदय के बाद चांद की पूजा करें और अर्घ्य दें।
– इसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर या निवाला खाकर अपना व्रत खोलें. पूजन के बाद अपने सास-ससूर और घर के बड़ों का आर्शीवाद जरूर लें।