बाबा के अन्न्कूट श्रृंगार की झांकी का दर्शन 15 नवंबर को होगा। दरअसल कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर में पहले से ही सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक दर्शन हो रहे हैं। पर अन्नकूट के दिन प्रसाद लेने वालों की भीड़ उमड़ती है। इसके अलावा विश्वनाथ धाम काॅरिडोर के निर्माण कार्य के चलते कम से कम भीड़ जुटे इसके मद्देनजर मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण पर रोक रहेगी। हालांकि पहले की ही तरह अन्नकूट के प्रसाद के लिये हेल्प डेस्क से भी रसीद कटाई जा सकेगी।
पुरानी परंपराओं में नहीं होगा बदलाव
कोरोना काल में भी अन्नकूट पर पूर्व से चली आ रही परंपराओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है। परंपरा के अनुसार ही बाबा की चल प्रतिमाओं का श्रृंगार होगा व लड्डुओं का शिवालय सजाया जाएगा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया है कि पहले की ही तरह महंत परिवार की ओर से परंपराएं संपादित की जाएंगी।
गौरा के मायके में भी होगा अन्न्कूट महोत्सव
काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डाॅ. कुलपति तिवारी ने मीडिया को बताया है कि अन्नकूट श्रृंगार के लिये बाबा की चल प्रतिमा 15 नवंबर को पूर्वाह्न टेढ़ीनीम स्थित आवास से विश्वनाथ मंदिर भेजी जाएगी। इसके पहले चल प्रतिमा का पूजन और मध्याह्न भोग का अर्पण होगा। उन्होंने बताया है कि इस साल गौरा के मायके (महंत आवास) में भी अन्न्कूट महोत्सव मनाया जाएगा। इस मौके पर 14 नवंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।
दूर से ही होंगे माता अन्नपूर्णा के दर्शन
कोरोना काल में इस बार माता अन्नपूर्णा के दर्शन भक्तों को दूर से ही मिलेंगे। गर्भगृह में प्रवेश की इजाजत किसी को नहीं होगी। इस संबंध में 12 नवंबर से शुरू हो रहे चार दिवसीय अन्नकूट महोत्सव को लेकर शुक्रवार को मंदिर के महंत और एडीएम सिटी व एसपी सिटी ने बैठक कर तैयारियों के मद्देनजर कई फैसले लिये गए हैं। मंदिर के महंत और प्रबंधन के साथ अधिकारियों ने तैयारियों का जायजा भी लिया।
पांच से सात बजे तक होगा वीआईपी दर्शन
वीआईपी दर्शन का समय शाम पांच बजे से सात बजे तक तय किया गया है। मंदिर में श्रद्घालुओं के प्रवेश से लेकर दर्शन तक के लिये गाइड लाइन तय कर दी गई है। प्रवेश के लिये जगह-जगह बैरिकेडिंग होगी। प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग और सेलेटाइजेशन अनिवार्य रूप से होगा। एक बार में पांच लोगों को ही दर्शन के लिये प्रेश दिया जाएगा। इसके साथ ही हर दो घंटे पर मंदिर परिसर को भी सेनेटाइज किया जाएगा।