1- शीतला घाट पर है मंदिर काशी में पाकिस्तानी महादेव का मंदिर शीतला घाट पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए वाराणसी रेलवे स्टेशन से रथयात्रा गोदौलिया मार्ग से होते हुए दशाश्वेध घाट पहुंचना होता है इसी के बगल में शीतला घाट है जहां बाबा विराजते हैं।
2- बंटवारे की दास्तान भी है शिवलिंग
ये अनोखा शिवलिंग। सरकारी दस्तावेजों में इसे पाकिस्तानी महादेव के नाम से पुकारा जाता है। यह शिवलिंग अपने आप में आज़ादी के बाद हुए बटवारे की दास्तान संजोये हुए है।
ये अनोखा शिवलिंग। सरकारी दस्तावेजों में इसे पाकिस्तानी महादेव के नाम से पुकारा जाता है। यह शिवलिंग अपने आप में आज़ादी के बाद हुए बटवारे की दास्तान संजोये हुए है।
3- दर्शन का है खासा महत्व गंगा नदी के किनारे स्थित शीतला घाट पर बने पाकिस्तानी महादेव में लोग गंगा में स्नान के बाद दर्शन करते हैं। महाशिवरात्रि के अतिरिक्त सावन में भी भक्त दर्शन करके मनचाही मुराद पूरी करते हैं।
4- दो व्यापारी लाहौर से लाये थे शिवलिंग पाकिस्तानी महादेव की कहानी बेहद दिलचस्प है। भारत व पाकिस्तान में बंटवारे के समय दोनों देशों के नागरिक एक-दूसरी जगह पर गये थे। लाहौर से दो हीरा व्यापारी जमुना दास व निहाल चंद्र काशी आये थे। कहा जाता है कि दोनों ही व्यापारी जब पाकिस्तान से बनारस आ रहे थे तो अपने साथ वहां से खास शिवलिंग लेकर आये थे।
5-गंगा में प्रवाहित करना था पर घाट पर स्थापित हुए शिव जी दोनों ही व्यापारियों की इच्छा थी कि इस शिवलिंग को बनारस में जाकर गंगा में प्रवाहित कर देंगे। बनारस आने के बाद शिवलिंग को गंगा में प्रभावित करने की जगह शीतला घाट पर ही स्थापित कर दिया गया। पाकिस्तान से शिवलिंग लाने के कारण मंदिर का नाम पाकिस्तानी महादेव पड़ गया। इसके बाद से मंदिर को पाकिस्तानी महादेव के ही नाम से जाना जाता है जहां पर दर्शन करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
6- सरकारी अभिलेखों में भी दर्ज है पाकिस्तानी शिव मंदिर का नाम क्षेत्रीय पार्षद और मंदिर के संयोजक अजीत ने बताया कि यह बात सिर्फ कहावत नहीं है। इस मंदिर का नाम नगर निगम के साथ साथ विकास प्राधिकरण में भी पाकिस्तानी महादेव के नाम से ही दर्ज है। जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि यह पाकिस्तानी शिव मंदिर है।
7-क्या कहते हैं मंदिर के केयर टेकर मंदिर के केयर टेकर अजय शर्मा के अनुसार, यह प्रॉपर्टी बूंदी स्टेट के राजा की थी। गोपाल महाराज नाम के एक व्यक्ति ने देखा कि पुल से कोई मूर्ति को गंगा में फेंक रहा है। जानकारी मांगने पर उसने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद वह इसे लेकर लाहौर से आए हैं। इसके बाद उसी समय शीतला घाट पर शिवलिंग को स्थापित किया गया और इसे पाकिस्तान महादेव मंदिर कहा जाने लगा।
8- सावन में उमड़ती है भक्तों की भीड़ सावन में शिव की नगरी काशी में भक्तों का रेला लगा रहता है। ये शिव भक्त शीतला घाट पर स्थित इस पाकिस्तानी मंदिर में भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
9-हमारे लिए पूज्य है बाबा श्रद्धालु कार्तिक मिश्रा बताते हैं कि काशी के कण कण में शंकर बसे हैं। यह मंदिर आज़ादी के समय का है और यह शिवलिंग पकिस्तान के लाहौर शहर से यहां आया है। इसमें भी भगवान् का वास है इसलिए ये हमारे लिए पूज्य है।
10-हर रोज हो रहा जलाभिषेक शिव का प्रिय मास सावन होने के कारण इस समय बाबा को जल चढ़ाने वालों की लंबी कतार लगी रहती है। हालांकि गंगा के बढते जलस्तर के कारण ऐसा माना जा रहा है कि मंदिर में दर्शन पूजन पर भी जल्द रोक लगाई जा सकती है।