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वाराणसी

बाहुबली मुख्तार अंसारी के परिवार को तगड़ा झटका, अब बेटे अब्बास पर भी आई मुसीबत, जाने क्या है पूरा मामला

अब्बास अंसारी पर धोखाधड़ी और आम्र्स एक्ट के तहत ही एफआईआर
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वाराणसीOct 13, 2019 / 12:22 pm

sarveshwari Mishra

File Photo of Mau MLA Abbas Ansari with Father Photo of Mukhtar Ansari

File Photo of Mau MLA Abbas Ansari with Father Photo of Mukhtar Ansari

वाराणसी. बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दरअसल अब्बास पर धोखाधड़ी करके एक ही लाइसेंस पर पांच असलहे खरीदने का आरोप है। आरोप है कि अब्बास ने एक ही लाइसेंसी असलहे को अलग-अलग लाइसेंस नंबर पर उपयोग किया है और लखनऊ पते पर लिये गये असलहे को दिल्ली के पते पर ट्रांसफर कराया गया है इसकी जानकारी भी पुलिस को नहीं दी गयी। जिसे लेकर अब्बास अंसारी पर धोखाधड़ी और आम्र्स एक्ट के तहत ही एफआईआर की गयी है। जिला प्रशासन और पुलिस अब्बास अंसारी से जल्द ही पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।

यूपी चुनाव 2017 में मुख्तार अंसारी जेल में रहते हुए मऊ सदर से पर्चा दाखिल किया था चुनाव प्रचार की सारी जिम्मेदारी अब्बास अंसारी ने ही संभाली थी और अपने पिता को चुनाव जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के तहत मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर संसदीय सीट से टिकट मिला था। पीएम नरेन्द्र मोदी की लहर के बाद भी अफजाल अंसारी ने केन्द्रीय राज्यमंत्री रहे मनोज सिन्हा को लाखों वोटों से चुनाव हराया था इस जीत में भी अब्बास अंसारी की बड़ी मेहनत थी।
अब्बास अंसारी के पास है कई लाइसेंस
जांच में पता चला है कि मुख्तार अंसारी और उनके करीबी रिश्तेदारों के नाम नौ शस्त्र लाइसेंस जारी किए गये हैं। इनमें से तीन लाइसेंस मुख्तार अंसारी और तीन उनके बेटे अब्बास अंसारी के नाम पर हैं। अब्बास अंसारी ने दिल्ली में जब अपने शस्त्र लाइसेंस के हस्तांतरण के लिए आवेदन किया। उस समय दिल्ली प्रशासन और पुलिस ने लखनऊ जिला प्रशासन को इसकी सूचना तक नहीं दी। इस चूक के कारण दो प्रदेशों में दो लाइसेंस बने और उस पर पांच हथियार हासिल किए गए।
नेशनल शूटर हैं अब्बास अंसारी
मुख्तार का बड़ा पुत्र अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) शॉट गन में नेशनल शूटर (National Shooter) है और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई मेडल भी जीत चुका है। अब्बास ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर सियासी पारी का आगाज किया था। हालांकि अपने पहले ही चुनाव में अब्बास को मात मिली थी। आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी पूर्वांचल के मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र का पांच बार से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह इस समय जेल में हैं।
यह है पूरा मामला
यूपी एसटीएफ को अगस्त में अब्बास अंसारी के अवैध तरीके से अधिक असलहे खरीदने का पता चला था। एसटीएफ को जांच में पता चला था कि अब्बास अंसारी के नाम साल 2002 में जिलाधिकारी लखनऊ की ओर से डबल बैरल बंदूक का लाइसेंस नंबर 1628 लखनऊ के निशातगंज पेपरमिल कॉलोनी स्थित उसके पते से जारी किया गया था। इसके बाद अब्बास ने जिला प्रशासन की अनुमति और वेरिफिकेशन के बिना ही इस लाइसेंस को नई दिल्ली बसंतकुंज स्थित किशनगंज के पते पर ट्रांसफर करवा लिया। दिल्ली में अब्बास अंसारी ने खुद को विख्यात निशानेबाज बताते हुए चार और असलहे खरीदे। इसकी सूचना लखनऊ पुलिस को भी नहीं दी गई।
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