दरअसल, वाराणसी में ट्रैफिक को कम करने के लिए कैंट रेलवे स्टेशन के पास फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण चल रहा है। इस ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य सुस्त गति से चल रहा है। मंगलवार शाम ब्रिज का एक बड़ा पिलर भरभरा कर धराशायी हो गया। हादसे के समय ब्रिज के पास से कई वाहन गुजर रहे थे, जिससे वह इसकी जद में आ गए। आशंका व्यक्त की जा रही है कि करीब एक दर्जन से अधिक मजदूर भी वहां काम कर रहे थे, जो मलबे में दब गए। इसके अलावा मलबे में दबकर गाड़ियों के परखच्चे भी उड़ गए। हादसे में कई दर्जन लोगों के हताहत होने की आशंका है।
2017 में ही उठने लगे थे सवाल बता दें कि जुलाई 2017 में ही इस फ्लाई ओवर की डिजाइन को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे। कहा जाने लगा था कि जिम्मेदारों ने फ्लाईओवर की ऐसी डिजाइन बना दी है, जो भारी वाहनों के लिए मुसीबत बन गई है। रोडवेज बस स्टेशन के ठीक सामने से चौकाघाट की ओर शुरूआत में चार पिलर और डेक स्लैब बनते ही भारी वाहनों के चोट से हिल गए थे। इस समस्या का कोई स्थाई निदान अफसरों को नहीं सूझ रहा था, ऐसे में यूपी राज्य सेतु निर्माण निगम के अफसरों ने इस खामी को छिपाने के लिए बैरियर लगाकर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
2017 दिसंबर में पूरा होना था काम
बता दें कि पहले इस फ्लाईओवर को पूरा करने की समय सीमा दिसंबर 2017 थी, लेकिन बाद में इसे घटाकर मार्च 2018 कर दिया गया। लेकिन बाद में फिर से इसकी मियाद बढ़ा दी गई।
निर्माणाधीन फ्लाईओवर स्वीकृत प्रोजेक्ट : 2 मार्च 2015
स्वीकृत लागत : 77.41 करोड़ रुपये
सेतु लंबाई : 1710 मीटर
कार्य आरंभ : 25 अक्टूबर 2015
समय सीमा : मार्च 2018
काम पूरा : 23 प्रतिशत