मुश्किलों को लेकर उन्होंने कहा कि भूख से मरने से पहले योगी सरकार के अधकारियों ने बस और भोजन आदि का इंतजाम कर दिया। नहीं तो हम उम्मीद छोड़ चुके थे। यहां आने वालों में 339 लोग थे। इन सभी को अलग अलग होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया है।
शहर के बाहरी छोर पर बने राजा तालाब पिंडरा बस अड्डे पर पहुचे यात्रियों ने बताया कि हम पिछले पांच दिन से बहुत परेशान थे। काम न होने का कारण वहां हमारा रहना भारी था। ऐसे में हमें कोई उपाय सूझ नहीं रहा था। हमने घर से निकलने का फैसला किया। तभी पता चला कि बॉर्डर से योगी सरकार बसों की सेवा दे रही है। वहां हम पहुंच गए। कई घंटे बिना भोजन और पानी के बिताया। भला हो यूपी सरकार का जो हमें भूखे मरने से पहले दूत के रूप में अपने अधिकारी भेज दिये।
उन्होंने बताया कि यहां पहुंचे लोगों में पूर्वांचल के अन्य जिलों से भी बहुत लोग थे। सभी को 17 अलग-अलग बसों से भेजा गया। सोमवार से बनारस की सीमाएं सील कर दी गई हैं और पैदल चलने वालों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। बनारस के जिलाधिकारी ने कहा है कि अगर कोई पैदल घूमता हुआ भी पाया गया तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। डीएम ने कहा कि यहां पहुंचे बनारस के लोगों को 14 दिन प्रशासन की ओर से बनाए गए सेंटर में निगरानी में रखा जाएगा।