मायावती ने सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार को दलित विरोधी बताया है। उमड़ी भीड़ से उत्साहित मायावती ने सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह के गढ़ में जमकर जुबानी तीर चलाये। बसपा सुप्रीमो की रैली को बेहद खास माना जा रहा है। बसपा ने पहली बार अपने सिंबल पर नगर निगम चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। बसपा से कई नेता जा चुके हैं, जिसके बाद से बसपा के कमजोर होने की अटकले लग रही थी, लेकिन आजमगढ़ की रैली में बसपा सुप्रीमो ने अपनी ताकत दिखा कर यह साबित करने का प्रयास किया है कि मायावती अभी कमजोर नहीं हुई है।
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बाहुबली मुख्तार अंसारी व उनके पुत्र ने लगायी है सारी ताकत
बाहुबली मुख्तार अंसारी व उनके पुत्र ने रैली को सफल बनाने के लिए सारी ताकत लगायी है। मुख्तार अंसारी तो जेल में बंद है, जिसके चलते भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी उनके बेटे अब्बास अंसारी ने उठायी है। कुछ दिनों से अब्बास अंसारी लगातार जनसम्पर्क करके लोगों को रैली में आने के लिए प्रेरित किया है। खबर लिखे जाने तक मायावती का भाषण जारी था।
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बाहुबली मुख्तार अंसारी व उनके पुत्र ने रैली को सफल बनाने के लिए सारी ताकत लगायी है। मुख्तार अंसारी तो जेल में बंद है, जिसके चलते भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी उनके बेटे अब्बास अंसारी ने उठायी है। कुछ दिनों से अब्बास अंसारी लगातार जनसम्पर्क करके लोगों को रैली में आने के लिए प्रेरित किया है। खबर लिखे जाने तक मायावती का भाषण जारी था।
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मायावती के लिए बेहद खास है नगर निगम का चुनाव
मायावती के लिए नगर निगम का चुनाव बेहद खास है। बसपा ने लंबे समय बाद अखिलेश यादव से गठबंधन करने का संकेत दिया है और महागठबंधन करके संसदीय चुनाव २०१९ लडऩे की तैयारी की है। गठबंधन में मायावती को अधिक सीट तभी मिल सकती है जब नगर निगम चुनाव में बसपा अपनी ताकत दिखाये। इसके लिए अभी से मायावती ने रैली करके सभी समीकरण साधने की योजना बनायी है।
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